बीजापुर,13 दिसंबर । बीजापुर में फिर से अवैध सागौन के लट्ठों की धरपकड़ हुई है। तस्करों द्वारा पार की जा रही लकडिय़ों को एक बार फिर वन विभाग के अमले ने पकड़ा है, लेकिन इस बार भी तस्करों को पकडऩे में वन अमले को कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है। केवल लकड़ी पकडऩे और तस्करों के हर बार फरार होने को लेकर सवाल खड़े होते दिखने लगे हैं।
बताया जाता है कि जब मुखबिर से लकड़ी तस्करी की खबर मिलती है तो वन अमला बिना किसी तैयारी के निकल पड़ता है। यहां तस्करी की खबर पर पुलिस की मदद न लिए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सागौन के लट्ठों की तस्करी इस बात की पुष्टि करती है कि यहां बड़े पैमाने पर सागौन के पेड़ों की अंधाधुंध अवैध कटाई चल रही है। वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगती और तस्कर इन पेड़ों को लट्ठों में तब्दील कर इन्हें नदी में बहाकर तेलंगाना और महाराष्ट्र तक आसानी से भेज भी देते हैं। पिछले एक महीने से वन अमले की सक्रियता से यहां हालांकि करीब 120 से ज्यादा लट्ठे बरामद किए हैं, लेकिन रेंज अफसर कोटेश्वर राव चापड़ी के मुताबिक उनके निहत्थे होने के कारण वे तस्करों का सामना नहीं कर सकते।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में तस्करों द्वारा सागौन के लट्ठे पार किए जा रहे थे। इसी बीच वन अमले ने दबिश दी और 20 नग लट्ठे, जिसकी कीमत करीब 5 लाख रुपए बताई जा रही है, बरामद किए, लेकिन तस्कर भाग निकले। पिछले महीने वन विभाग ने 24 लाख के सागौन के लट्ठे बरामद किए थे। अब फिर से सागौन के पेड़ों को बचाने में वन अमला नाकामयाब साबित हो रहा है।