डिजीटल बैंकिंगमें बढ़ोतरी होने से फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाओं में इजाफा हुआ है. यह जानकारी बैंकों की तरफ से पार्लियामेंट पैनल को हाल ही में हुई बैठक में दी गई. आपको बता दें कि नवंबर 2016 में सरकार की तरफ से नोटबंदी किए जाने के बाद डिजीटल ट्रांजेक्शन में तेजी आई है. सूत्रों के अनुसार हाल ही में हुई बैंठक में सरकारी बैंकों की तरफ से पार्लियामेंट पैनल को फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़ी घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई. बैंकों ने पैनल से कहा कि डिजिटल बैंकिंग में बढ़ोतरी से फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाएं बढ़ी हैं.
संगठित गिरोह सिस्टम पर हमले कर रहा
बैंकों की तरफ से बताया गया कि साइबर हमलों की वजह से डिजिटल बैंकिंग में फ्रॉड की घटनाएं बढ़ी हैं. सूत्रों के मुताबिक बैंकों ने पैनल से यह भी कहा कि पिछले कुछ समय में संगठित गिरोह की तरफ से बैंकिंग सिस्टम पर हमले बढ़े हैं. बैंकों ने पैनल से बताया कि ज्यादातर फाइनेंशियल फ्रॉड बड़े ब्राउजर के जरिये सिस्टम के तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर किए जा रहे हैं.
फ्रॉड की रकम में भी इजाफा हुआ
बैंकों ने पैनल को बताया कि फ्रॉड की घटनाओं की संख्या बढ़ने के साथ ही फ्रॉड की रकम में भी इजाफा हुआ है. बैंकों ने कहा कि एफएसआर लेबल्ड साइबर अटैक भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. बैंकों ने पैनल को यह भी जानकारी दी कि तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है और अब एडवांस टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी वजह से फ्रॉड की कोशिश को आसानी से पकड़ा जा सकता है. सरकार और आरबीआई के निर्देशों के बाद मौजूदा खामियों को दूर कर लिया गया है. आपको बता दें कि RBI के आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच साल में बैंकिंग फ्रॉड में 19.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.