व्यापार

24-Apr-2024 8:04:31 am
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2024-25 में पांच साल के निचले स्तर पर आएगी खुदरा महंगाई, वित्त वर्ष में सामान्य रहेंगी सब्जियों के दाम

नई दिल्ली ।  खुदरा महंगाई चालू वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर पांच साल के निचले स्तर पर आ सकती है। सब्जियों की आपूर्ति और कीमतों के सामान्य रहने से खुदरा महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई 2024-25 में कम होकर 4.4 फीसदी पर आ सकती है। यह आरबीआई के 4.5 फीसदी के अनुमान से भी कम है। 2023-24 में सीपीआई महंगाई 5.4 फीसदी रही थी, जबकि 2019-20 में 4.8 फीसदी रही थी। सीएमआईई का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में आलू, प्याज व टमाटर जैसी प्रमुख सब्जियों की आपूर्ति सामान्य रहेगी।?कीमतों में भी बड़े उतार-चढ़ाव के संकेत नहीं दिख रहे हैं। इससे खुदरा महंगाई 2024-25 में घटकर आरबीआई के चार फीसदी के लक्ष्य के और करीब पहुंच जाएगी। हालांकि, अन्य उत्पादों के दाम बढऩे से मुख्य महंगाई (खाद्य उत्पाद व ईंधन-बिजली को छोडक़र) चालू वित्त वर्ष में बढ़ सकती है।
सोने और चांदी में आगे भी बनी रहेगी तेजी
अन्य उत्पादों में सोने और चांदी की कीमतें मार्च, 2024 से बढ़ रही हैं। अप्रैल, 2024 में इनके दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। बीएसई पर सोने की हाजिर कीमत 73,092 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की 83,777 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। आगे भी कीमतें ऊंची बनी रहेंगी।
बढ़ सकते हैं क्रूड के दाम
रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे तेल की भारतीय बास्केट में कीमतें 2024-25 में 4.1 फीसदी बढक़र 85.8 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती है। पहले कीमतों में एक फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था। जून, 2022 व मार्च, 2024 के बीच परिवहन ईंधन की कीमतें अपरिवर्तित रहीं, जिसके बाद उनमें और भी कमी की गई। 2022-23 में कच्चे तेल की कीमतों में 18.5 फीसदी की भारी वृद्धि हुई, जबकि 2023-24 में उनमें सिर्फ 11.7 फीसदी की गिरावट आई। चालू वित्त वर्ष में और वृद्धि के साथ तेल विपणन कंपनियां पिछले दो वर्षों में हुए घाटे की भरपाई सुनिश्चित करेंगी। इस प्रकार, जून तिमाही के बाद परिवहन ईंधन की कीमतें बढ़ सकती हैं।

 

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