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जगदलपुर, 13 दिसम्बर । छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्म समर्पण नीति से प्रभावित, पुलिस द्वारा चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान से दबाव में आकर व जनजागरण अभियान से प्रेरित होकर, समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा, आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताडऩा एवं भेदभाव से प्रताडि़त होकर डीएकेएमएस सदस्य कुंजाम पांडू ने आज सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी के कमांडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि सुकमा जिले के नक्सलगढ़ चिंतलनार थाना अंतर्गत नक्सली विचारधारा से परेशान होकर कुंजाम पांडू ने आत्मसमर्पण किया है। पांडू डीएकेएमएस सदस्य के रूप में पिछले 15 सालों से नक्सली संगठन से जुड़ा रहा है। पांडू जगरगुंडा मार्ग के दो प्रमुख बड़े पुल मलेवागु व बुर्कापाल को तोडऩे में व कई जगह आईईडी लगाने में भी शामिल रहा है। नक्सली कुंजाम पाण्डु को चिंतलनार जगरगुंडा क्षेत्र के नक्सली कमांडर पापाराव के कहने पर नक्सली कमांडर ने संगठन में शामिल किया था। पांडू आइईडी बनाने में भी माहिर है। वह कई बड़े नक्सली कमांडरों के साथ भी कार्य कर चुका है।
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