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शीतकालीन सत्र में सभा मुद्दो पर चर्चा के लिए तैयार : पीएम मोदी
Posted Date : 11-Dec-2018 12:18:54 pm

शीतकालीन सत्र में सभा मुद्दो पर चर्चा के लिए तैयार : पीएम मोदी

नई दिल्ली ,11 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन विपक्ष से सदन चलाने की अपील करते हुए कहा कि हम तो चाहते हैं कि सदन में चर्चा हो और हर मुद्दे पर चर्चा हो संवाद विवाद और विमर्श हो यह लोकतंत्र की परंम्परा भी है। 
ज्ञातव्य हो कि आज ही देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है तथा 3-4 राज्यों में भाजपा को भारी नुकसान की स्थिति रूझानों में दिख रही है। इसमें तीन राज्यों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार काबिज थी। 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम तो चाहते हैं कि सदन में चर्चा हो, हर मुद्दे पर चर्चा हो, तेज-तर्रार चर्चा हो। हम चाहते हैं कि संवाद-विवाद और विमर्श हो, यह लोकतंत्र की परंपरा है। हमारी हर कोशिश है कि सदन चले, चर्चा कम से कम हो तो सही...। मैं सभी दलों के सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं और सदन चलाने में सहयोग करें। मैं उम्मीद करता हूं कि इस सत्र में सदन निर्धारित समय से अधिक समय तक चले।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मई में हम सभी को एक बार फिर संग्राम में उतरना है। यह सत्र बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सदन में उठाया जाए। मुझे पूरा यकीन है कि सभी सम्मानित सदस्य इस भावना को समझेंगे। हम बार-बार कह रहे हैं कि हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। 
2019 विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले सभी दलों के लिए विंटर सेशन काफी अहम है। सरकार जहां अपनी उपलब्धियों को जोर-शोर से गिनाने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जमकर हमला बोलने के लिए तैयार हैं। राफेल डील, महिला आरक्षण बिल जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कांग्रेस ने कर ली है।

राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बहुमत की ओर
Posted Date : 11-Dec-2018 12:18:13 pm

राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बहुमत की ओर

0-मध्यप्रदेश में संघर्ष पूर्ण स्थिति 
नई दिल्ली,11 दिसंबर। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती आज सुबह सभी राज्यों में प्रारंभ हुई । दोपहर 12 बजे तक गिनती के मिले रूझानों के अनुसार राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं मध्यप्रदेश में भाजपा कांग्रेस के बीच कड़ा संघर्ष देखा जा रहा है। तेलंगाना में टीआरएस पुन: बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं मिजोरम में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। कांग्रेस के लिए खुशी का अवसर इसलिए भी है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 15 वर्षो बाद सत्ता कांग्रेस की हाथ आने वाली है। वहीं मध्यप्रदेश में कड़े संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। इसके बावजूद भी यहां कांग्रेस भाजपा की अपेक्षा कुछ अधिक सीटों पर बढ़त बनाए हुई है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 12 नवम्बर एवं 20 नवम्बर को सम्पन्न हुआ था। वहीं मध्यप्रदेश में 28 नवम्बर को मतदान सम्पन्न हुआ था। शेष राजस्थान, तेलंगाना एवं  मिजोरम में 7 दिसम्बर को निर्वाचन आयोग ने मतदान करवाया था। आज मतगणना के प्रारंभिक रूझानों में शुरू से दोपहर 12 बजे तक छत्तीसगढ़ व राज्यस्थान में कांग्रेस ऐतिहासिक तरीके से बढ़त बनाई हुई है। वहीं मध्य प्रदेश में बेहद संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। तेलंगाना में तय समय से पहले टीआरएस सरकार ने विधानसभा भंगकर चुनाव करवाने का लाभ उसे पुन: मिलता दिख रहा है। 

शोषित महिलाओं से पहले विश्व के देशों के लिए व्यापारिक हित: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता
Posted Date : 11-Dec-2018 12:17:25 pm

शोषित महिलाओं से पहले विश्व के देशों के लिए व्यापारिक हित: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता

ओस्लो ,11 दिसंबर । कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को सोमवार को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान दर्शक दीर्घा के लोगों ने खड़े होकर इनके लिए तालियां बजाई। कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे और इराक की यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद ने नोबेल पुरस्कार स्वीकार करते हुए अपने भाषण में संघर्ष क्षेत्र में फंसी महिलाओं और बच्चों के मामले में उदासीन बने रहने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘अपने जीवन के अहम दौर से गुजर रही किशोरियों को बेचा गया, खरीदा गया, बंधक बनाकर रखा गया और रोजाना उनके साथ बलात्कार किया गया। यह कल्पना से बाहर की चीज है कि इन सब के बावजूद 195 देशों के नेताओं का जमीर नहीं जगा कि वह इन्हें मुक्त कराने के लिए काम करें। मुराद ने कहा, ‘अगर यह लड़कियां कोई कारोबारी समझौता होतीं, तेल वाली जमीन होतीं या हथियारों से भरा हुआ जहाज होती तो निश्चित रूप से इन्हें मुक्त कराने का हर प्रयास कर लिया गया होता। 
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मुकवेगे और मुराद ने कहा कि कभी-कभी पीडि़तो को कारोबारी हितों से कम कर के आंका जाता है। इन दोनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस दिशा में अधिक काम करने की मांग की है। मुकवेगे ने ओस्लो में समारोह में कहा, ‘अगर एक युद्ध ही शुरू करना है तो फिर यह उदासीनता के खिलाफ होना चाहिए क्योंकि यह हमारे समाज को खाए जा रही है। 
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में युद्ध का दंश झेलने वाले पूर्वी हिस्से में मुकवेगे ने 1999 में पांजी में अस्पताल स्थापित किया था, जहां उन्होंने हजारों महिलाओं और लड़कियों तथा छोटी बच्चियों का इलाज किया है। उन्होंने कहा कि हिंसा हमारी मानवता को शर्मसार करती है। यजीदी कार्यकर्ता मुराद ने वैश्विक समुदाय से जिहादियों के कब्जे में फंसी महिलाओं और लड़कियों को मुक्त कराने में मदद करने की अपील की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनके समुदाय और अन्य असुरक्षित समुदायों की मदद करने की मांग की। 
मुराद अपने भाषण के दौरान अपनी भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए बोलीं, ‘मेरे विचार से सभी पीडि़तों को तब तक एक सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराना चाहिए जब तक उनके साथ न्याय नहीं हो जाता। मुकवेगे ने अपने देश में दिल दहलाने वाली हिंसा की घटनाओं के लिए सत्ता में मौजूद लोगों पर आरोप लगाया। डॉक्टर ने कहा, ‘पिछले 20 साल से रोज पांजी अस्पताल में मैं देश के कुप्रबंधन के खौफनाक परिणामों को देखता हूं। उन्होंने कहा कि छोटी बच्चियों, महिलाओं और बजुर्गों सहित पुरुषों और किशोरों के साथ क्रूरतापूर्ण तरीके से सार्वजनिक और सामूहिक रूप से बलात्कार हो रहे हैं। 
मुकवेगे ने कहा, ‘हम अच्छे कार, आभूषण और गैजेट्स पसंद करते हैं। मेरे पास भी स्मार्टफोन है। इन चीजों में ऐसे खनिज हैं जो हमारे देश में पाए जाते हैं। अक्सर खदानों में बच्चों और यौन उत्पीडऩ के पीडि़तों से अमानवीय तरीके से ये काम कराए जाते हैं। वहीं मुराद ने पुरस्कार को स्वीकारते हुए अपने भाषण में कहा कि 21वीं शताब्दी के वैश्वीकरण और मानवाधिकार के दौर में उनके समुदाय की 6,500 महिलाएं और बच्चियों का अपहरण, बलात्कार किया गया और उन्हें बेचा भी गया। 
मुराद 2014 से पहले उत्तरी इराक के सिंजर के अपने गांव में शांतिपूर्वक रह रही थीं। इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के उनके गांव में घुसने के बाद नृशंसता और बर्बरता की एक ऐसी कहानी शुरू हुई, जिससे किसी की भी रूह कांप जाए। मुराद ने कहा कि अब भी 3,000 महिलाओं और बच्चियों के भविष्य का पता नहीं है।

अमेरिका मेक्सिको सीमा से हटाएगा सैनिक
Posted Date : 11-Dec-2018 12:16:38 pm

अमेरिका मेक्सिको सीमा से हटाएगा सैनिक

वाशिंगटन ,11 दिसंबर । अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह मेक्सिको से लगती दक्षिणी सीमा से सैंकड़ों सैनिकों को हटाएगा।
अमेरिका के समाचार पत्र ‘द हिल’ के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल रोब मैनिंग ने सोमवार को पत्रकारों को कहा, सेना की कुछ इकाइयों ने अपना काम पूरा लिया है और उनकी आंशिक तैनाती शुरू कर दी गयी है। देश के भीतर वापसी के लिए कई अन्य टुकडिय़ों की पहचान की गयी है और आगामी कुछ सप्ताह में ये टुकडिय़ां वापस लौट जाएंगी। मैनिंग ने कहा कि दक्षिणी सीमा पर फिलहाल 5200 सैनिक तैनात हैं। इसमें पहले ही पूर्व तैनाती की संख्या 5900 से कमी की जा चुकी है। 

 मतगणना कल : मतगणना परिसर की होगी ड्रोन कैमरे से निगरानी
Posted Date : 10-Dec-2018 11:25:19 am

मतगणना कल : मतगणना परिसर की होगी ड्रोन कैमरे से निगरानी

0-राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों की दिलों की धडक़नें तेज 
रायपुर, 10 दिसंबर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेताओं की दिलों की धडक़नें तेज हो गई है। इधर आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। यह पहली बार होगा जब ड्रोन कैमरे से पूरे मतगणना परिसर की निगरानी रखी जाएगी। मतगणना में सुरक्षा को लेकर काफी सख्ती बरती जा रही है। 
छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम  में संपन्न हो चुके विधानसभा चुनाव का परिणाम कल सामने आ जाएगा। सुबह 9 बजे से ही रूझान आने शुरू हो जाएंगे। इधर चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रदेश स्तरीय नेताओं और पार्टी प्रत्याशियों की दिलों की धडक़नें तेज हो गई है। अधिकांश प्रत्याशी कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं के माध्यम से रूझान जानने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन इस बार राज्य में संपन्न हो चुके विधानसभा चुनाव का रूझान जानने में अच्छे-अच्छे राजनीतिक जानकारों और सर्वे टीम के लिए भी टेड़ी खीर साबित हो रही है। अब तक के एग्जिट पोल में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा नहीं किया गया है। वहीं इस बार प्रदेश में त्रिशंकु चुनाव को लेकर भी काफी रोमांच बना हुआ है। हालांकि जानकारों की माने तो प्रदेश में त्रिशंकु परिणाम के आसार काफी कम है। इसका कारण भी स्पष्ट है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही हुआ है। जोगी कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन वाले सीटों पर मुश्किल से 6 सीट आने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि दोनों ही राष्ट्रीय दलों को यदि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो यह 6 सीट भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके अलावा राज्य के रायगढ़, महासमुंद और बसना में चुनाव लडऩे वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका भी इस तरह की परिस्थितियों में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं। 
इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पुलिस प्रशासन की ओर से कानून और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी है। यह पहली बार होगा कि मतगणना स्थल में कई स्तर के जांच-पड़ताल के बाद ही पासधारियों को प्रवेश दिया जाएगा। आलम यह होगा कि मतगणना में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी। इसका मतलब यह हुआ कि एक टेबल में बैठा कर्मचारी दूसरी टेबल तक भी नहीं जा सकेगा। इधर सुरक्षा को और सख्त करते हुए इस बार पूरे मतगणना स्थल की डे्रान कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा मतगणना स्थल के आसपास कई स्तर का सुरक्षा घेरा रखा जाएगा। 
विजयी प्रत्याशी प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे मुख्यालय :
इधर मिशन-65 का नारा भूलने के बाद भाजपा के नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि विजयी प्रत्याशी विजयी घोषित होने के बाद जीत का प्रमाण पत्र लेकर सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे और किसी भी तरह के विजयी जुलूस आदि में शामिल नहीं होंगे। कुछ इसी तरह के निर्देश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने प्रत्याशियों को दिया है। विजयी होने की दशा में सभी विजयी प्रत्याशी प्रमाण पत्र लेकर सीधे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचेंगे। इस निर्देश का सीधा मतलब यही है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को खरीद-फरोख्त की आशंका है। इससे बचने के लिए ही दोनों ही दल अपने-अपने विजयी प्रत्याशियों को एक साथ रखना चाहते हैं। 

प्रधानमंत्री कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी ठक्कर का निधन
Posted Date : 10-Dec-2018 11:11:12 am

प्रधानमंत्री कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी ठक्कर का निधन

0-प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
नई दिल्ली ,10 दिसंबर । प्रधानमंत्री कार्यालय में जनसंपर्क अधिकारी के रुप में कार्यरत जगदीश ठक्कर का दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया है। वे 72 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल थे और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका उपचार चल रहा था, जहां रविवार की रात उनका निधन हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठक्कर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ठक्कर वरिष्ठ पत्रकार थे और मैंने उनके साथ गुजरात और दिल्ली में लंबे समय तक कार्य किया। उन्होंने पहले भी गुजरात के कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। ठक्कर के साथ तमाम पत्रकार पिछले कई सालों से संपर्क में रहे। उन्होंने कहा, अपने कर्तव्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित ठक्कर सादगीप्रिय, जोशीले और दिलखुश स्वभाव के इंसान भी थे।
उनके निधन से हमने एक बेहतरीन व्यक्तित्व खो दिया।  मेरी उनके परिवार और हितैषियों के प्रति गहरी संवेदना है। ठक्कर ने काफी लंबे समय तक मोदी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके साथ वहां काम किया। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।