0-करतारपुर गलियारा
इस्लामाबाद,03 दिसंबर । पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि करतारपुर गलियारे पर भारतीय मीडिया के कुछ वर्गों की कवरेज ने पाकिस्तान को अचंभित किया है।
बयान में कहा गया कि गलियारे के लिए किसी अन्य की पहल या उद्देश्य बताना पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 नवंबर को प्रस्तावित पाकिस्तान और भारत के बीच निशुल्क वीजा मार्ग की आधारशिला रखी थी। इस समारोह में भारत विरोधी कहे जाने वाले एवं हाफिज सईद से संबंध रखने वाले गोपाल सिंह चावला की भारतीय मीडिया ने व्यापक रूप से अलोचना की।
पाकिस्तान ने दोहराया कि इस गलियारे को खोलने की पहल सिख भाइयों के सम्मान में और विशेष रूप से बाबा गुरु नानक देव जी की आगामी 550वीं जयंती के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार ने की है। सिख समुदाय के लोग करतारपुर गलियारे की लंबे समय से मांग कर रहे थे। सिखों के संस्थापक गुरू नानक देव ने अपने जीवन के 18 वर्ष से भी अधिक समय करतारपुर में बिताए थे। इस गलियारे के सिख धार्मिक स्थल डेरा बाबा नानक साहिब और गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर से भी जुडऩे की उम्मीद है जिससे सिख श्रद्धालु दोनों पवित्र स्थलों पर जाने में सक्षम होंगे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारत की ओर से 26 नवंबर को पंजाब के गुरदासपुर में गलियारे की आधारशिला रखी थी।
वाशिंगटन,03 दिसंबर । सीरिया में अमेरिका नीत गठबंधन सेनाओं के हवाई हमलों में आईएस का एक वांछित नेता मारा गया है। वह एक अमेरिकी नागरिक और कईं अन्य लोगों की मौत के लिए प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार माना जा रहा था।
सीएनएन टेलीविजन ने गठबंधन सेनाओ के प्रवक्ता कर्नल सीन रयान के हवाले से आज बताया कि ये हवाई हमले रविवार को किए गए और इनमें आईएस का शीर्ष नेता अबू अल उमरयान मारा गया है। उसके साथ आईएस के कईं आतंकवादी भी इस हमले में ढेर हुए हैं।
उन्होंने बताया कि अल उमरयान गठबंधन सेनाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था और वह अमेरिकी नागरिक तथा पूर्व सैन्य रेंजर पीटर कासिग की हत्या में शामिल था। उसने अनेक लोगों को बंधक बनाकर उनकी बर्बरता से हत्या की थी। अमेरिका ने इस क्षेत्र में आईएस का नामोनिशान मिटाने के लिए सैंकड़ो हवाई हमले किए हैं और गोलाबारी का सहारा भी लिया है।
बेरूत ,03 दिसंबर । सीरिया में जिहादी विरोधी अंतरराष्ट्रीय गठबंठन ने रविवार को कहा कि उसने इस्लामिक स्टेट के उस नेता को निशाना बनाकर हमला किया है, जो अमेरिकी सामाजिक कार्यकर्ता पीटर कासिग और अन्य पश्चिमी कैदियों की हत्या में शामिल था। सीरिया में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन के प्रवक्ता सीन रयान ने कहा, ‘‘गठबंधन बलों ने सीरिया के रेगिस्तान में आईएस के उच्च रैंक वाले नेता अबु अल उमरयान को विशेष तौर पर निशाना बनाकर हमला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अमेरिकी नागरिक पीटर कासिग की हत्या में शामिल था, जिनका 2013 में सीरिया में अपहरण करने के बाद नवम्बर 2014 में सिर कलम कर दिया गया था।’’ रयान ने कहा, ‘‘वह कई अन्य कैदियों की हत्या के मामले में भी शामिल था।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन के हवाई हमले युद्ध के मैदान में आईएस के नियंत्रण को चुनौती देना जारी रखेंगे।
0-भारत की बड़ी कामयाबी
नई दिल्ली ,02 दिसंबर । अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत कोबड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। अब भारत 2022 में विश्व के 20 ताकतवर देशों के समूह जी-20 की मेजबानी करेगा। 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। मोदी सरकार ने 2022 में न्यू इंडिया का नारा भी दिया है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण समूह की बैठक की मेजबानी मिलने को एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
वर्ष 2022 में इटली को जी-20 सम्मेलन की मेजबानी करनी थी। इस समिट में बोलते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने इटली से गुजारिश की थी कि वह 2021 में इस सम्मेलन की मेजबानी करे ताकि 2022 का मौका भारत को मिले। पीएम मोदी ने कहा कि इटली समेत दूसरे देश भी इसपर राजी हो गए।
मोदी ने भारत को इसकी मेजबानी मिलने के बाद इसके लिए इटली का शुक्रिया अदा किया और जी-20 समूह के नेताओं को 2022 में भारत आने का न्यौता दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आभारी हूं और 2022 में दुनियाभर की लीडरशिप को भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूं।
घोषणा के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। उस विशेष वर्ष में, भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व का स्वागत करने की आशा करता है। विश्व की सबसे तेजी से उभरती सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में आइए। भारत के समृद्ध इतिहास और विविधता को जानिए और भारत के गर्मजोशी भरे आतिथ्य का अनुभव लीजिए।’
जी-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। यह सम्मेलन इस बार अर्जेंटीना के ब्यूनो आयर्स में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद वापस दिल्ली लौट आए हैं।
0-पेरिस में प्रदर्शन के बाद मैक्रों ने कहा
ब्यूनस आयर्स,02 दिसंबर । फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को अराजकता फलाने की चाहत रखने वाला करार देते हुए कहा कि वह किसी भी सूरत में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश में ईंधन की कीमतों में पूर्व नियोजित योजना के तहत हुई वृद्धि का विरोध कर रहे लोग शुक्रवार को हिंसा पर उतर आए। भीषण विरोध प्रदर्शन के बीच ब्यूनस आयर्स में जी20 सम्मेलन के दौरान संवाददाता सम्मेलन में मैक्रों ने कहा, ‘‘मैं हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।’’ मैक्रों ने कहा, ‘‘अधिकारियों पर हमले, वाणिज्य-व्यापार को ठप करना, राहगीरों और पत्रकारों को धमकी देना या आर्क डू ट्रौम्फ का उल्लंघन करना, किसी भी सूरत में तर्कपूर्ण नहीं हो सकता है।’’ पेरिस में बड़ी संख्या में लोग आपात स्थिति में पहने जाने वाले पीले रंग के कोट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ब्यूनस आयर्स में जलवायु परिवर्तन की दिशा में समान विचारधारा वाले सभी देशों को साथ लाने के लिए मैक्रों पूरी जी-जान से कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, बार-बार उनसे फ्रांस में चल रहे प्रदर्शनों पर सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘‘इस हिंसा के लिए दोषी लोग बदलाव नहीं चाहते हैं, वे लोग सुधार नहीं चाहते, उन्हें सिर्फ अराजकता चाहिए। वे लोग जिस कारण का समर्थन करने की ढोंग करते हैं, उसे ही धोखा दे रहे हैं।’’ मैक्रों ने कहा, ‘‘उन सभी की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय की जद में लाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि पेरिस वापसी के साथ ही प्रदर्शनों के सिलसिले में अपने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ बैठक करेंगे। मैक्रों ने कहा, ‘‘मैं हमेशा बहस का सम्मान करूंगा। मैं हमेशा विपक्ष की बात सुनूंगा लेकिन हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।’’
ब्यूनस आयर्स ,02 दिसंबर । अगले साल भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर सिरिल से मुलाकात की और उन्हें अगले वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के लिए आमंत्रित किया। अगले वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती भी है।
दक्षिण अफ्रीकी नेता रामफोसा ने प्रधानमंत्री मोदी के इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘(दक्षिण अफ्रीकी) राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मिलकर खुशी हुई। ऐसे समय जब भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती मना रहा है, 2019 गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति रामफोसा का मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है। दक्षिण अफ्रीका से बापू का करीबी संबंध जगजाहिर है।’
उन्होंने आगे कहा कि रामफोसा की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा का आगामी दौरा, वह भी भारत के गणतंत्र दिवस के विशेष मौके पर, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापारिक तथा लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।’’