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मोदी क्रिसमस दिवस पर करेंगे बोगीबील पुल का उद्घाटन
Posted Date : 05-Dec-2018 1:27:47 pm

मोदी क्रिसमस दिवस पर करेंगे बोगीबील पुल का उद्घाटन

नयी दिल्ली ,05 दिसंबर । पीएम नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लंबे रेल-सडक़ पुल बोगीबील का 25 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे। यह पुल असम के ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर तथा दक्षिणी तटों को जोड़ता है। रेलवे प्रशासन के मुताबिक यह पुल 4.94 किलोमीटर लंबा है। इस दिन को सरकार सुशासन दिवस के रूप में भी मनाती है।’’ पूर्व पीएम देवगौड़ा ने जनवरी 1997 में बोगीबील पुल की आधारशिला रखी थी लेकिन पूर्व पीएम वाजपेयी द्वारा निर्माण कार्य के शुभारंभ के बाद अप्रैल 2002 में इसका कार्य शुरू हुआ। विगत 16 वर्षों में इसके निर्माण को पूरा करने के लिये कई बार विभिन्न समय-सीमा तय की गई लेकिन उस अवधि में कार्य पूरा नहीं हो सका। तीन दिसंबर को पहली माल गाड़ी इस पर से गुजरी। उल्लेखनीय है कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश के सीमाई इलाकों में साजो-सामान पहुंचाने में सुधार की योजना तैयार की है और बोगीबील उन्हीं ढांचागत परियोजनाओं का हिस्सा है। इनमें ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर ट्रांस अरुणाचल हाईवे तथा मुख्य नदी और इसकी सहायक नदियों जैसे दिबांग,लोहित,सुबनसीरी और कामेंग पर नई सडक़ों तथा रेल लिंक का निर्माण भी शामिल है।

अमेरिका ने परमाणु संधि पर अमल करने रूस को 60 दिन का दिया समय
Posted Date : 05-Dec-2018 1:26:03 pm

अमेरिका ने परमाणु संधि पर अमल करने रूस को 60 दिन का दिया समय

ब्रसेल्स ,05 दिसंबर । अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी है कि यदि उसने अपनी मिसाइलों को 60 दिन के भीतर नष्ट नहीं किया तो वह शीत युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों को लेकर हुई महत्वपूर्ण संधि से खुद को अलग कर लेगा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि यदि मॉस्को अपनी नयी प्रणाली को वापस नहीं लेता है तो वह 1987 में हुई इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि मानने को बाध्य नहीं होगा। अमेरिका का कहना है कि रूस की मिसाइल प्रणाली ने हथियारों की होड़ बढऩे का खतरा फिर से पैदा कर दिया है। नाटो का कहना है कि तमाम लोगों की नजरों में दुनिया भर में हथियारों की होड़ पर नियंत्रण रखने वाली इस संधि को बचाने की जिम्मेदारी अब रूस की है। वहीं, संगठन प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग का कहना है कि बिना संधि की दुनिया के लिये तैयार होने का वक्त आ गया है। नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के बाद पोम्पिओ ने कहा, ‘‘अमेरिका आज घोषणा करता है कि रूस ने संधि का गंभीर उल्लंघन किया है और यदि रूस 60 दिन के भीतर पूर्ण रूप से इसका सत्यापन योग्य अनुपालन नहीं करता है तो हम अपना सारा दायित्व छोड़ देंगे।’’ उन्होंने कहा कि रूस के इस कदम से अमेरिका और हमारे सहयोगियों तथा साझेदारों की राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा है। ‘‘इसका कोई मतलब नहीं बनता है कि अमेरिका इस संधि में बना रहे और रूस के उल्लंघनों का जवाब देने की अपनी क्षमता को नियंत्रित करता रहे।’’ अमेरिका और नाटो का कहना है कि रूस की 9एम729 प्रणाली आईएनएफ संधि का उल्लंघन करती है। इस संधि के तहत जमीन से दागी जाने वाली 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें प्रतिबंधित हैं। नाटो का कहना है कि रूस की परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ये क्रूज मिसाइलें कहीं से भी दागी जा सकती हैं और इनका पता लगाना भी मुश्किल है। यह बेहद मामूली या बिना किसी चेतावनी के यूरोप के किसी भी शहर को अपना निशाना बना सकती हैं।

भारतीय मूल के पूर्व प्रबंधक को एक वर्ष की जेल
Posted Date : 05-Dec-2018 1:25:03 pm

भारतीय मूल के पूर्व प्रबंधक को एक वर्ष की जेल

0-रिश्वत लेने का आरोप
न्यूयॉर्क ,05 दिसंबर । अमेरिका में एक उपनगरीय बस एजेंसी के भारतीय मूल के पूर्व प्रबंधक को रिश्वत लेने के आरोप में एक साल कारावास की सजा सुनाई गई है। शिकागो के स्कॉमबर्ग के रहने वाले राजिन्दर सचदेवा (54) पर वर्ष 2010 से 2014 के बीच बस एजेंसी का प्रबंधक रहने के दौरान दौरान एक आईटी कॉन्ट्रेक्टर से करीब 2,12,02,500 रुपये (300,000 अमेरिकी डॉलर) रिश्वत मांगने का आरोप है। अमेरिका के उत्तरी जिले इलिनोइस के अटॉर्नी जनरल जॉन लॉस्च ने कहा कि सचदेवा ने कॉन्ट्रेक्टर से रिश्वत मांगी और स्वीकार की। इसके बदले उन्होंने कॉन्ट्रे्क्टर के साथ काम जारी रखने के लिये अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल किया। सचदेवा ने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिये राशि का भुगतान करवा कर एजेंसी से इस करार को छुपाये रखा। इस साल की शुरूआत में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।

अब कोहरे के कारण ट्रेन नहीं होंगी लेट
Posted Date : 04-Dec-2018 1:02:00 pm

अब कोहरे के कारण ट्रेन नहीं होंगी लेट

0-भारतीय रेलवे ने किया अहम बदलाव
नई दिल्ली, 04 दिसंबर । रेलवे ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिस कारण केहरो में रेलगाडिय़ों की रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए यात्री रेलगाडिय़ों की निगरानी का अधिकार डिवीजन को दे दिया है। अभी तक यह काम जोनल रेलवे के अधिकारी कर रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से ट्रेन बिना लेट हुए समय पर अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगी।
यह पहली बार होगा जब डिवीजन स्तर पर ट्रेन समयपालन की निगरानी जोनल रेलवे की बजाय डिवीजन से कराई जाएगी। आदेश में कहा गया है कि रेलवे सूचना प्रणाली (क्रिस) सभी डिवीजन के एडीआरएम के यूजर आईडी व पासवर्ड सिस्टम में अपलोड कर दे। ताकि ट्रेन समयपालन निगरानी की प्रणाली में उनका दखल संभव हो।
इसमें मकसद यह है कि रेलगाडिय़ों को समय पर चलाने, कर्मियों की जवाबदेही तय करने, प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करने के अधिकार एडीआरएम के पास होंगे। रेलवे बोर्ड ने इस बार 15 दिसबंर से रेलगाडिय़ों को अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर चलाने के आदेश दिए हैं। जबकि हर साल रेलगाडिय़ों को 50-60 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया जाता रहा है। रेलवे बोर्ड ने यह फैसला अधिकांश ट्रेन इंजनों के ड्राइवरों को फॉग सेफ डिवाइस देने के बाद लिया है। जीपीएस आधारित इस उपकरण की मदद से ड्राइवरों को सिगनल का पता पहले ही चल जाता है और ट्रेन धीमी नहीं करनी पड़ती।

सोनिया-राहुल की टैक्स फाईलों की जांच जारी रखने सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
Posted Date : 04-Dec-2018 12:38:14 pm

सोनिया-राहुल की टैक्स फाईलों की जांच जारी रखने सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

0-नैशनल हेरल्ड मामला
नई दिल्ली ,04 दिसंबर । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के 2011-12 में टैक्स निर्धारण की जांच को जारी रखने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस मामले में जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा कि अंतिम आदेश अभी तक नहीं दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2019 को रखी गई है।
राहुल और सोनिया के नैशनल हेरल्ड से जुड़ें इनकम टैक्स मामले में आज की सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई के लिए मामले का नंबर लंच समय होने पर आया, तब दो जजों की बेंच ने कहा कि मामले की सुनवाई 8 जनवरी को करेगें। इस बीच सुप्रीमकोर्ट ने आयकर विभाग को दोहराया कि वह अपनी जांच जारी रख सकते हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक आयकर विभाग जांच के आधार पर अपना कोई अंतिम निर्णय न ले।
ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता सोनिया और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी 2011-12 के अपने टैक्स निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया है। इस केस में कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडिज का भी नाम दर्ज है। 
ज्ञात हो कि नैशनल हेरल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष और सोनिया गांधी पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को पंचकूला में आवंटित भूखंड धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क कर लिया है। हरियाणा सरकार ने एजेएल को यह जमीन एक बार निरस्त करने के बाद 2005 में फिर से आवंटित की थी। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है।

राज्यपाल द्वारा दी गई माफी को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा
Posted Date : 04-Dec-2018 12:34:51 pm

राज्यपाल द्वारा दी गई माफी को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा

0-चार सियासी हत्या के दोषी की माफ की थी सज़ा
नईदिल्ली,04 दिसंबर । सुप्रीम कोर्ट ने चार सियासी हत्या के एक दोषी की सजा माफ करने से जुड़े उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के फैसले को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्यपाल के इस फैसले ने कोर्ट की चेतना को हिलाकर रख दिया है, जिसकी वजह से कोर्ट को मजबूरन इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है.
जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस एमएम शांतनागोडर की पीठ ने कहा कि दोषी को उम्र कैद की सज़ा हुई थी, तो आखिर क्या कारण है कि सिर्फ सात साल की सज़ा काटने के बाद ही उसे छोडऩे का फैसला लिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने मार्कंडेय शाही की याचिका को खारिज करते हुए इस बात पर हैरानी जताई और कहा कि राज्यपाल ने कैसे अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग किसी ऐसे अपराधी को रिहा करने के लिए किया जो चार हत्याओं का दोषी है. कोर्ट का कहना है कि सिर्फ यही नहीं ये फैसला राज्यपाल द्वारा तब लिया गया है जब उसको मिली सज़ा के खिलाफ मामला हाईकोर्ट में चल रहा है.
वहीं शाही के वकील अमरेंद्र शरन ने दलील दी कि राज्यपाल अपने द्वारा लिए गए संवैधानिक फैसलों का कारण बताने को बाध्य नहीं हैं, लेकिन इस दलील से कोर्ट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. कोर्ट ने कहा कि दोषी ज़मानत पर बाहर था उस वक्त उसने चार अलग-अलग आपराधिक मामलों को अंजाम दिया. इस पर शाही के वकील ने दोषी मार्कंडेय शाही के खराब स्वास्थ्य को जमानत की वजह बताई.
ज्ञात हो कि मार्कंडेय शाही ने ये हत्याएं 1987 में की थीं. उस वक्त पूरा पूर्वांचल में हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही के नियंत्रण में था. इन दोनों में राजनीतिक विरोध था. जहां ये अपराध किए गए थे वो जगह इस वक्त महाराजगंज जि़ले में पड़ती है.
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सितंबर 2017 में शाही की सज़ा माफ कर दी थी, जबकि एसएसपी और जिलाधिकारी ने शाही को समय पूर्व मुक्त किए जाने की सिफारिश नहीं की थी. ऐसे में राम नाईक ने संविधान में अनुच्छेद 161 के तहत दिए गए अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए शाही को मुक्त करने का फैसला लिया था.
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ महंत शंकरसन रामानुज दास ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार पर शाही का पक्ष लेने का आरोप लगाया था. हाईकोर्ट में यूपी सरकार ने राज्यपाल के फैसले का समर्थन किया और कहा कि उनके द्वारा प्रयोग किए गए अधिकार संवैधानिक हैं. हालांकि हाईकोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शाही को पुलिस हिरासत में लेने का आदेश दिया था.