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टाटा ने कहा, जेट एयरवेज को अभी कोई ऑफर नहीं, बातचीत शुरुआती दौर में
Posted Date : 17-Nov-2018 10:59:47 am

टाटा ने कहा, जेट एयरवेज को अभी कोई ऑफर नहीं, बातचीत शुरुआती दौर में

मुंबई ,17 नवंबर। टाटा संस ने शुक्रवार को कहा कि उसने निजी क्षेत्र की संकटग्रस्त विमानन सेवा कंपनी जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए अभी तक कोई पुख्ता पेशकश नहीं की है और अभी इस संबंध में उसकी बातचीत प्रारंभिक अवस्था में ही है। टाटा समूह पहले ही 2 एयरलाइन कंपनियों का परिचालन कर रहा है। इसमें पूर्ण सेवा विमानन कंपनी विस्ताराा और एयर एशिया इंडिया शामिल है, दोनों संयुक्त उद्यम हैं। विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस और एयर एशिया इंडिया में मलयेशिया की एयर एशिया कंपनी भागीदार है।
इस तरह की चर्चा थी कि टाटा समूह नरेश गोयल की अगुआई वाले जेट एयरवेज का सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर पूर्ण अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे समूह ने शुक्रवार को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के बाद स्पष्ट किया कि जेट एयरवेज के अधिग्रहण से संबंध में सिर्फ शुरुआती बातचीत हुई है। अभी किसी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। 
तमाम संभावनों को लेकर चल रही अटकलों के बीच जेट एयरवेज के शेयर पिछले पांच कारोबारी सत्रों में 40 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया है। बीएसई में शुक्रवार को जेट का शेयर 8 प्रतिशत चढक़र 346.85 रुपये पर पहुंच गया। बाजार में ऐसी चर्चाएं हैं कि जेट एयरवेज क बचाव के लिए सरकार टाटा घराने को बीच में ला रही है। इससे पहले गुरुवार को कंपनी का शेयर 26.41 प्रतिशत तक की छलांग लगा गया था। 
जेट एयरवेज के उप-मुख्य कार्यकारी और मुख्य वित्त अधिकारी अमित अग्रवाल ने इसी सप्ताह इस बात की पुष्टि की थी कि उनकी कंपनी निवेश के इच्छुक कई पक्षों से बातचीत कर रही है। इसके अलावा एयरलाइन अपने 6 बोइंग-777 विमान तथा लॉयल्टी कार्यक्रम जेट प्रिविलेज में हिस्सेदारी बेचने जा रही है। जेट एयरवेज में गोयल और उनके परिवार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात की एतिहाद एयरवेज की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 
इस बार सितंबर में समाप्त तिमाही में जेट एयरवेज को 1,261 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में उसने 71 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। यह लगातार तीसरी तिमाही है जबकि जेट एयरवेज को घाटा हुआ है। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि विस्ताराा एयरलाइन का परिचालन कर रही कंपनी टाटा सिंगापुर एयरलाइंस चाहती है कि जेट एयरवेज उसके साथ शेयरों के आधार पर विलय कर ले। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में जेट एयरवेज ने गुरुवार को इस तरह की खबरों को अटकलबाजी बताया था।

 

आईजीआई एयरपोर्ट पर मरम्मत की वजह से उड़ानों में कटौती
Posted Date : 17-Nov-2018 10:58:21 am

आईजीआई एयरपोर्ट पर मरम्मत की वजह से उड़ानों में कटौती

0-कई रूट्स पर 100 फीसदी तक बढ़ा किराया
नई दिल्ली ,17 नवंबर। अगले 10 दिनों तक दिल्ली आने और यहां से जानेवाले विमानों का स्पॉट फेयर काफी बढ़ गया है। ऐसा इंदिरा गांधी इंटरनैशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर चल रहे मेनटेनेंस के लिए रनवे बंद होने से हुआ है। रनवे बंद होने की वजह से एयरपोर्ट से प्रतिदिन 100 उड़ानों में कटौती की गई है। आपको बता दें कि विमानों के उड़ान भरने के कुछ घंटे पहले जिस कीमत पर टिकट को खरीदा जाता है, उसे स्पॉट फेयर कहते हैं।
गुरुवार शाम को शुक्रवार के दिन दिल्ली से मुबंई जाने वाले विमानों का किराया इकॉनमी क्लास में 21,200 रुपये से शुरू होकर प्रीमियम क्लास में 35000 रुपये तक था। इसी तरह से शुक्रवार को दिल्ली से बेंगलुरु जाने वाली फ्लाइट्स का किराया 17,750 रुपये से 3०० रुपये के बीच था। दिल्ली से कोलकाता का किराया 10,500 रुपये से लेकर 31,215 रुपये तक था। दिल्ली में अंबे ट्रैवल्स चलाने वाले अनिल कलसी का कहते हैं, वीकेंड होने की वजह से कुछ सेक्टर्स के स्पॉट फेयर 100 फीसदी तक बढ़ गए हैं। वीकेंड की वजह ज्यादातर टिकट बिक चुके हैं और ज्यादा किराया कैटिगरी वाले टिकट ही बचे हैं। उन 100 उड़ानों (50 आगमन और 50 प्रस्थान) के रद्द होने से डिमांड और सप्लाइ में काफी अंतर हो गया है। 
कॉक्स ऐंड किंग्स के बिजनस ट्रैवल के हेड जॉन नायर कहते हैं, दिल्ली में एक रनवे के बंद होने की वजह से उड़ानों का शेड्यूल बाधित हुआ है और उड़ानों की संख्या में भी कमी आई है। इस वजह से अगले 100 दिन तक विमानों के किराया बढ़ गया है। दिल्ली से मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए फ्लाइट का स्पॉट फेयर 30-40 फीसदी तक बढ़ गया है, हालांकि जिन्होंने पहले टिकट बुक किए हैं उन्हें टिकट कुछ सस्ते मिल गए। 
आईजीआई एयरपोर्ट पर 3 रनवे में से एक को मरम्मत की वजह से शुक्रवार से 8 दिन तक बंद रखा जाएगा। यहां से प्रतिदिन 1300 फ्लाइट्स ऑपरेट होती हैं, जिनकी संख्या रनवे बंद होने की वजह से अब घटकर केवल 1200 रह गई है। एयरलाइन कंपनियां इसके लिए दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (डायल) को जिम्मेदार मानती हैं। कंपनियों का मानना है कि डायल की वजह से ही आईजीआई एयरपोर्ट पर मिलने में देरी हो रही है।

 

दिल्ली में 77 रुपये लीटर से नीचे आया पेट्रोल, डीजल में भी राहत
Posted Date : 17-Nov-2018 10:57:08 am

दिल्ली में 77 रुपये लीटर से नीचे आया पेट्रोल, डीजल में भी राहत

नई दिल्ली ,17 नवंबर। पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत का सिलसिला लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 77 रुपये प्रति लीटर से घटकर 76.91 रुपये लीटर हो गया है, जबकि डीजल का दाम भी घटकर 71.74 रुपये प्रति लीटर हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बीते दिनों आई गिरावट के कारण पिछले एक महीने से पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट का सिलसिला जारी है। 
हालांकि, तेल आपूर्तिकर्ता देशों का समूह ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने की संभावनाओं के कारण शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में तेजी आई। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में शनिवार को पेट्रोल के दाम में 19 पैसे और चेन्नई में 20 पैसे प्रति लीटर की कमी आई। डीजल का भाव दिल्ली और कोलकाता में 19 पैसे प्रति लीटर घटा, जबकि चेन्नई और मुंबई 20 पैसे प्रति लीटर। 
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम क्रमश: 76.91 रुपये, 78.85 रुपये, 82.43 रुपये और 79.87 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। चारों महानगरों में डीजल क्रमश: 71.74 रुपये, 73.60 रुपये, 75.16 रुपये और 75.82 रुपये प्रति लीटर हो गया है। दिल्ली में छह सितंबर को डीजल का भाव 71.55 रुपये लीटर था, उसके बाद तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल चार अक्टूबर को 75.45 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर चला गया था।
पेट्रोल का भाव पांच अगस्त को दिल्ली में 76.85 रुपये लीटर था, जबकि चार अक्टूबर को 84 रुपये लीटर हो गया था।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले थोड़ी तेजी दर्ज की गई। नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई का दिसंबर अनुबंध 0.66 फीसदी की बढ़त के साथ 56.83 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। वहीं, आईसीई पर ब्रेंट क्रूड जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध 0.57 फीसदी के तेजी के साथ 67 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। 

 

अपने मेंबर्स को घर देगा ईपीएफओ, जल्द लॉन्च होगी स्कीम
Posted Date : 17-Nov-2018 10:56:04 am

अपने मेंबर्स को घर देगा ईपीएफओ, जल्द लॉन्च होगी स्कीम

नई दिल्ली ,17 नवंबर । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने खाता धारकों के लिए हाउसिंग स्कीम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अब इस ड्राफ्ट को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) के समक्ष पेश किया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर ईपीएफओ मेंबर्स के लिए हाउसिंग प्रॉजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि सीबीटी की बैठक दिसंबर में होगी और इसी दौरान ईपीएफओ अपने इस ड्राफ्ट को पेश करेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इस हाउसिंग प्रॉजेक्ट योजना को पूर्ण तरीके से लॉन्च कर दिया जाएगा। 
इस बारे में ईपीएफओ के सदस्य विरजेश उपाध्याय से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ईपीएफओ इस स्कीम के तहत अपने मेंबर्स के लिए सस्ते दामों में घर उपलब्ध कराना चाहता है। ऐसे में ये भी तय है कि इस स्कीम में कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई होंगी। शर्तों की बात करें तो ईपीएफओ के वही मेंबर्स ही इस स्कीम के तहत मकान ले पाएंगे, जिनके पास अपना मकान नहीं है। ईपीएफओ सदस्य का ईपीएफ खाता भी न्यूनतम 3 साल पुराना होना चाहिए। घर खरीदने के लिए पीएफ खाते से 90 प्रतिशत की राशि निकालने की छूट मिलेगी। इसके अलावा जो राशि लोन के तहत ली जाएगी, उसकी ईएमआई भी पीएफ खाते के जरिए ही चुकता होगी। 
ईपीएफओ द्वारा तैयार किए गए इस ड्राफ्ट में नैशनल हाउसिंग असोसिएशन बनाए जाने की बात कही गई है। इसका काम सभी राज्यों में भूमि अधिग्रहण का होगा, जिस पर इनके हाउसिंग प्रॉजेक्ट तैयार होंगे। ऐसे में कोशिश ये होगी कि राज्यों से जमीन  सस्ते दामों पर खरीदी जा सके। इसके बाद बिल्डर्स कंपनियों से बातचीत होगी, जो हाउसिंग प्रॉजेक्ट का निर्माण करेंगे। इसके अलावा ईपीएफओ घर खरीदने के लिए लोन भी देगा, लेकिन इसमें कुछ शर्तें भी होंगी। खास बात ये कि इस स्कीम में ईपीएफओ की ओर से मुनाफा कमाने की कोशिश नहीं होगी। सीधे शब्दों में कहें तो घर बनाने में जितनी लागत होगी, उसी के आधार पर कीमत भी तय होगी। 

 

सेंसेक्स में 0.84 फीसदी और निफ्टी में 0.91 फीसदी की तेजी
Posted Date : 17-Nov-2018 10:54:31 am

सेंसेक्स में 0.84 फीसदी और निफ्टी में 0.91 फीसदी की तेजी

मुंबई ,17 नवंबर। बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में हल्की तेजी दर्ज की गई, जिसमें कच्चे तेल के दाम में हाल में आई कमी की मुख्य भूमिका रही। साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 298.61 अंकों या 0.84 फीसदी की तेजी के साथ 35,457.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 97 अंकों या 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 10,682.20 पर बंद हुआ।
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 53.61 अंकों या 0.35 फीसदी की तेजी आई और यह 14,997.81 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 185.97 अंकों या 1.26 फीसदी की गिरावट के साथ 14,485.88 पर बंद हुआ। सोमवार को बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 345.56 अंकों या 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 34,812.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 103 अंकों या 0.97 फीसदी की गिरावट के साथ 10,482.20 पर बंद हुआ।
मंगलवार को बाजार में अच्छी तेजी रही और सेंसेक्स 331.50 अंकों या 0.95 फीसदी की तेजी के साथ 35,144.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 100.30 अंकों या 0.96 फीसदी की तेजी के साथ 10,582.50 पर बंद हुआ। बुधवार को बाजार में मामूली गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 2.50 अंकों या 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 35,141.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 6.20 अंकों या 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 10,576.30 पर बंद हुआ। 
गुरुवार को एक बार फिर शेयर बाजारों में तेजी लौटी और सेंसेक्स 118.55 अंकों या 0.34 फीसदी की तेजी के साथ 35,260.54 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 40.40 अंकों या 0.38 फीसदी की तेजी के साथ 10,616.70 पर बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 196.62 अंकों या 0.56 फीसदी की तेजी के साथ 35,457.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 65.50 अंकों या 0.62 फीसदी की गिरावट के साथ 10,682.20 पर बंद हुआ। बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.12 फीसदी) और आइशर मोटर्स (9.85 फीसदी)। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में - टाटा मोटर्स (8.18 फीसदी), कोल इंडिया (1.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.68 फीसदी) और सन फार्मा (12.8 फीसदी) प्रमुख रहे।
आर्थिक मोर्चे पर, खाद्य पदार्थो की कीमतें गिरने से अक्टूबर में देश की खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 3.31 फीसदी रही, जबकि सितंबर में यह बढक़र 3.70 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अक्टूबर में नकारात्मक 0.86 फीसदी रही, जोकि सितंबर से 0.51 फीसदी अधिक है। वहीं, औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.5 फीसदी रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 4.5 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में यह 4.66 फीसदी पर थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की सालाना मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में बढक़र 5.28 फीसदी रही है, जबकि सितंबर में यह 5.13 फीसदी थी। 

 

निवेश मांग बढऩे से सोना निखरा, चांदी चमकी
Posted Date : 17-Nov-2018 10:53:27 am

निवेश मांग बढऩे से सोना निखरा, चांदी चमकी

नई दिल्ली ,17 नवंबर। निवेश मांग बढऩे से विदेशी बाजार में सोने और चांदी के भाव में शुक्रवार को जोरदार तेजी आई। विदेशी बाजार में आई तेजी घरेलू वायदा बाजार में भी सोने और चांदी का भाव तेज था। विदेशी बाजार में सोने के दाम में एक सप्ताह के बाद तेजी लौटी है। बाजार के जानकारों ने बताया कि डॉलर में नरमी के कारण सोने और चांदी में तेजी आई है। विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर में आई कमजोरी से कीमती धातुओं में निवेश मांग बड़ी है।
इस बीच अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का भी असर है कि महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का दिसंबर डिलीवरी अनुंबध कारोबार सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार रात 10.05 बजे 169 रुपये यानी 0.55 फीसदी की तेजी के साथ 30,990 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ था। इससे पहले दिसंबर डिलीवरी सोने का भाव 31,147 रुपये प्रति दस ग्राम तक उछला।
एमसीएक्स पर चांदी का दिसंबर अनुबंध 245 रुपये यानी 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 36,936 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले भाव 37,155 रुपये प्रति किलोग्राम तक उछला। अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के दिसंबर अनुबंध में 22.70 डॉलर यानी 1.89 फीसदी की तेजी के साथ 1,221.90 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था। इससे पहले दिसंबर सोने का भाव 1,225.90 डॉलर प्रति औंस तक उछला। 
वहीं, चांदी के दिसंबर अनुबंध में 14.33 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, इससे पहले भाव 14.38 डॉलर प्रति औंस तक उछला। डॉलर इंडेक्स 0.46 फीसदी की कमजोरी के साथ 96.36 पर बना हुआ था। डॉलर इंडेक्स विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक है। इन मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में कमजोरी आने से डॉलर इंडेक्स नीचे आता है।