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भारत में सरकार द्वारा डेटा मांगने में तेज इजाफा : फेसबुक
Posted Date : 17-Nov-2018 10:51:17 am

भारत में सरकार द्वारा डेटा मांगने में तेज इजाफा : फेसबुक

नई दिल्ली ,17 नवंबर। साल 2018 के पहले छह महीनों में फेसबुक ने भारत सरकार द्वारा डेटा मांगने में तेज वृद्धि दर्ज की गई और कंपनी को कुल 16,580 डेटा आवेदन प्राप्त हुए, जबकि इसके पिछले साल भारत सरकार ने (पूरे साल में) कुल 22,024 आवेदन भेजे थे तथा साल 2016 में पूरे साल में कुल 13,613 आवेदन भेजे थे। 
सोशल मीडिया दिग्गज ने गुरुवार को प्रकाशित पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा कि साल 2018 की जनवरी-जून की अवधि में फेसबुक ने सरकार को 53 फीसदी मामलों में डेटा मुहैया कराया, लेकिन कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया कि उसने सरकार को किस प्रकार का डेटा मुहैया कराया। फेसबुक किसी देश के कानून और वहां की सेवा शर्तो के मुताबिक सरकार के आवेदन का जबाव देता है। 
कंपनी ने कहा, प्रत्येक आवेदन की हम सावधानीपूर्वक जांच करते हैं कि वे कानूनी रूप से पर्याप्त है या नहीं और उसी आधार पर हम उसे स्वीकार करते हैं या खारिज करते हैं। फेसबुक ने इसके अलावा भारत में कुल 15,963 आवेदन कानूनी प्रक्रिया के लिए प्राप्त किए, जिसमें 23,047 यूजर्स के आवेदन थे और 617 आपातकालीन अनुरोध थे (इनमें से आधे पूरे किए गए)।
फेसबुक ने कहा कि दुनिया भर में सरकारों द्वारा डेटा मांगने के अनुरोध में इस साल की पहली छमाही में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, और डेटा मांगने के कुल 1,03,815 आवेदन मिले, जबकि पिछले साल की दूसरी छमाही में इन आवेदनों की संख्या 82,341 थी। अमेरिका में फेसबुक से डेटा मांगने के सरकारी अनुरोध में करीब 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें से 56 फीसदी में गैर-प्रकटीकरण आदेश दिया गया, जो इसके बारे में यूजर्स को जानकारी देने से मना करता है।

 

इनकम टैक्स कलेक्शन में मुंबई के करीब पहुंची दिल्ली, सुस्त हुई बिजनस कैपिटल की ग्रोथ
Posted Date : 16-Nov-2018 8:39:45 am

इनकम टैक्स कलेक्शन में मुंबई के करीब पहुंची दिल्ली, सुस्त हुई बिजनस कैपिटल की ग्रोथ

नई दिल्ली ,16 नवंबर । भारत का आर्थिक परिदृश्य किस तरह तेजी से बदल रहा है, इसका संकेत अलग-अलग शहरों के इनकम टैक्स कलेक्शन से भी मिलता है। देश की बिजनस कैपिटल मुंबई का कुल इनकम टैक्स रेवेन्यू में 29 फीसदी हिस्सा है, लेकिन यह शेयर लगातार कम हो रहा है। राजधानी दिल्ली देश के कुल टैक्स कलेक्शन में दूसरे नंबर पर है। 2017 के मुकाबले अप्रैल से नवंबर के दौरान दिल्ली के टैक्स कलेक्शन में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है।
मुंबई के टैक्स कलेक्शन में महज 5 पर्सेंट का ही इजाफा हुआ है। मुंबई में इनकम टैक्स की कमजोर ग्रोथ की वजह मोटा रिफंड भी है। दिल्ली के इनकम टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा होने से उत्तर भारत क्षेत्र के शेयर में इजाफा हुआ है। बीते साल के मुकाबले दिल्ली के टैक्स कलेक्शन में 5 फीसदी का उछाल आया है और यह 16.5 पर्सेंट तक पहुंच गया है। 
दिल्ली की यह ग्रोथ कोलकाता और चेन्नै जैसे छोटे सेंटर्स की तुलना में भी कहीं ज्यादा है, जो बीते साढ़े सात महीनों में सिंगल डिजिट के करीब ही रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए बताया, देश भर में रिफंड के मामले में डिपार्टमेंट खासा ऐक्टिव है। लेकिन, मुंबई में रिफंड की बात की जाए तो यह काफी अधिक है। 
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में रिफंड का क्लेम बहुत अधिक नहीं है, जिसका असर ग्रॉस कलेक्शन पर दिख रहा है। हालांकि उन्होंने इसका कुल आंकड़ा बताने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इस संबंध में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है।

 

उछाल के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 139 अंक मजबूत, निफ्टी 10600 से ऊपर
Posted Date : 16-Nov-2018 8:38:33 am

उछाल के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 139 अंक मजबूत, निफ्टी 10600 से ऊपर

नई दिल्ली ,16 नवंबर। चालू सप्ताह के आखिरी सत्र में शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत तेजी के साथ हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 31 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 138.16 अंक यानी 0.39 प्रतिशत चढक़र 35,398.70 पर खुला। वहीं, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 27.30 अंक यानी 0.26 प्रतिशत उछलकर 10,644 पर खुला। 9:22 बजे सेंसेक्स के 20 शेयरों में लिवाली जबकि शेष 11 शेयरों में बिकवाली का माहौल था। वहीं, निफ्टी के 32 शेयरों के भाव चढ़ चुके थे जबकि 18 शेयर लाल निशान में देखे गए।
इस दौरान सेंसेक्स पर जिन शेयरों में सबसे ज्यादा मजबूती आई, उनमें सन फार्मा 1.55 प्रतिशत, टीसीएस 1.40 प्रतिशत, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा 1.18 प्रतिशत, ऐक्सिस बैंक 1.17 प्रतिशत, एशियन पेंट्स 0.97 प्रतिशत, एचडीएफसी 0.93 प्रतिशत, टाटा मोटर्स डीवीआर 0.81 प्रतिशत, लार्सन ऐंड टुब्रो 0.69 प्रतिशत, रिलायंस 0.60 प्रतिशत, आईटीसी 0.60 प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक 0.58 प्रतिशत तक चढ़ चुके थे। वहीं, निफ्टी पर मजबूत होने वाले टॉप 10 शेयरों में इन्फ्राटेल (1.80 प्रतिशत), एचसीएल टेक (1.76 प्रतिशत), सिप्ला (1.47 प्रतिशत), ग्रासिम (1.40 प्रतिशत), सन फार्मा (1.27 प्रतिशत), टीसीएस (1.14 प्रतिशत), ऐक्सिस बैंक (1.09 प्रतिशत), महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (0.94 प्रतिशत), गेल (0.92 प्रतिशत) और एचडीएफसी बैंक (0.80 प्रतिशत) शामिल रहे। 
9:27 बजे सेंसेक्स पर यस बैंक के शेयर 4.85 प्रतिशत, ओएनजीसी 3.02 प्रतिशत, इन्फोसिस 1.13 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स 0.80 प्रतिशत, टाटा स्टील 0.60 प्रतिशत, इंडसइंड बैंक 0.32 प्रतिशत, वेदांता 0.26 प्रतिशत, हिंदुस्तान लीवर 0.18 प्रतिशत और कोल इंडिया 0.10 प्रतिशत तक कमजोर हो गए थे। उधर, निफ्टी पर यस बैंक के शेयर 4.37 प्रतिशत, ओएनजीसी के 3.12 प्रतिशत, इंडियन ऑइल के 2.80 प्रतिशत, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के 2.63 प्रतिशत, जेएसडब्ल्यू स्टील के 1.29 प्रतिशत, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 1.20 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स के 0.87 प्रतिशत, इन्फोसिस के 0.82 प्रतिशत, टाटा स्टील के 0.77 प्रतिशत और बीपीसीएल के शेयर 0.57 प्रतिशत तक लुढक़ गए। 
9:30 बजे निफ्टी मीडिया, निफ्टी मेटल, निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी रीयल्टी को छोडक़र सारे सेक्टोरल इंडिसेज हरे निशान में थे। इस दौरान सेंसेक्स 115.01 अंक(0.33 प्रतिशत) की तेजी के साथ 35,375.55 पर जबकि निफ्टी में 28.50 अंकों (0.27 प्रतिशत) की मजबूती के साथ 10,645.20 पर ट्रेडिंग हो रही थी।

 

किराये की नई योजना से ऊबर के ड्राइवरों की मासिक आय 2,200 रुपये बढ़ेगी
Posted Date : 16-Nov-2018 8:37:26 am

किराये की नई योजना से ऊबर के ड्राइवरों की मासिक आय 2,200 रुपये बढ़ेगी

मुंबई ,16 नवंबर। कैब सेवा देने वाली कंपनी ऊबर इंडिया ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसकी ईंधन मूल्य से जुड़ी किराया व्यवस्था से उसके ड्राइवरों की सकल आय एक रुपये प्रति किलोमीटर बढ़ेगी। इससे ड्राइवरों को आठ घंटे तक ड्राइविंग के आधार पर मासिक 2,200 रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी।
एक दिन पहले कंपनी ने अपने ड्राइवर भागीदारों को आश्वस्त किया था कि ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी से उनकी शुद्ध आमदनी पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने कहा था कि राष्ट्रीय ईंधन मूल्य सूचकांक शुरू कर रही है। 
इससे उनकी आमदनी का ईंधन कीमतों में बदलाव से जुड़ी होगी। कुछ दिन पहले ही ड्राइवरों ने 18 और 19 नवंबर को हड़ताल की चेतावनी दी थी। पिछले महीने ड्राइवरों ने 12 दिन की हड़ताल की थी।

 

बजट घरों की भरमार, फिर भी नहीं मिल रहे खरीदार
Posted Date : 16-Nov-2018 8:36:01 am

बजट घरों की भरमार, फिर भी नहीं मिल रहे खरीदार

मुंबई ,16 नवंबर। करोड़ों के घर तो दूर की बात, अब लाखों वाले घरों की भी बिक्री नहीं हो पा रही है। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एमएमआर रीजन (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) में 2013 के बाद लॉन्च हुए 54 प्रतिशत घर 80 लाख रुपये से कम के बजट वाले हैं। बावजूद इसके 2 लाख घर अभी भी ग्राहकों के इंतजार में हैं। 2013 की तुलना में सितंबर, 2018 तक स्टॉक के घरों में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के 7 बड़े शहरों में कुल स्टॉक में से एमएमआर रीजन का हिस्सा 56 प्रतिशत है। साफ जाहिर है कि मार्केट में नकदी के संकट और खरीदारों के भाव गिरने का इंतजार बिल्डरों की धडक़न बढ़ा रहा है।
खरीदार खिसक रहे मुंबई के बाहर 
मुंबई में घरों के ऊंचे भाव के चलते खरीदार अब वेस्टर्न लाइन पर विरार-पालघर की ओर जबकि सेंट्रल लाइन पर कल्याण-बदलापुर-टिटवाला की ओर बढ़ रहे हैं। मध्यमवर्गीय परिवार मुंबई में घर खरीदने का सपना लगभग छोड़ चुके हैं। 2013 के बाद से इन इलाकों में 1.8 लाख नए घर लॉन्च किए जा चुके हैं। नए लॉन्च होने वाले तमाम प्रॉजेक्ट अब एमएमआर रीजन में ही आ रहे हैं। प्रस्तावित एयरपोर्ट और ट्रांस-हार्बर लिंक के चलते नवी मुंबई में नए लॉन्च में तेजी देखने को मिली है। नवी मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी इस दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली है। 
हालांकि, बिक्री के लिहाज से देखें तो 2013 के अंत तक सेंट्रल इलाकों में 20,600 घरों का स्टॉक बीते सितंबर में बढक़र 34,400 हो गया जबकि वेस्टर्न इलाकों में यह समान अवधि में 32 प्रतिशत घट गया। 
लॉन्च कम करके तो हो भला 
2015 के पहले तक बिल्डरों ने लगातार नए प्रॉजेक्ट शुरू कर मार्केट में स्टॉक बढ़ा दिया, लेकिन ग्राहकों की उदासीनता देख 2015 के बाद से लॉन्च में भारी गिरावट देखने को मिली। जिसके फलस्वरूप स्टॉक कुछ हद तक कम हो सका।
बिल्डर पस्त! 
मुंबई में 3-5 करोड़ रुपये के घर बनाने वाले ज्यादातर बिल्डर केवल ग्राहकों के इंतजार में हैं। एक सूत्र ने बताया कि बिक्री कम होने की वजह से मोटी पगार पर रखे गए स्टाफ की छुट्टी कर कम पगार वालों को खोजा जा रहा है। बीएमसी के डिवेलपमेंट प्लान विभाग में पहले की तुलना में चहलकदमी भी कम हो गई है।

 

वोडाफोन आइडिया के फाइबर एसेट्स खरीद सकती है भारती इंफ्राटेल
Posted Date : 16-Nov-2018 8:34:32 am

वोडाफोन आइडिया के फाइबर एसेट्स खरीद सकती है भारती इंफ्राटेल

कोलकाता ,16 नवंबर । देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के फाइबर एसेट्स के लिए टेलीकॉम टावर कंपनी भारती इंफ्राटेल संभावित बायर के तौर पर उभर सकती है। वोडाफोन आइडिया 25,000 करोड़ रुपये की इच्टिी फंडिंग भी जुटा रही है। इसके साथ ही फाइबर एसेट्स की बिक्री से मिलने वाली रकम से उसकी बैलेंस शीट मजबूत होगी और वह कैपिटल एक्सपेंडिचर कर रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को टक्कर दे सकेगी।
मार्केट के जानकारों का कहना है कि इच्टिी फंडिंग में वोडाफोन आइडिया के प्रमोटर शेयरहोल्डर्स- ब्रिटेन का वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप- के 18,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाने से यह संकेत मिल रहा है कि कंपनी लंबी अवधि तक दौड़ में बने रहना चाहती है और इससे प्राइस वॉर भी जारी रह सकती है। 
ब्रोकरेज हाउस क्रेडिट सुइस और बीएनपी पारिबा ने कहा कि आने वाले समय में वोडाफोन आइडिया के फाइबर एसेट्स के लिए भारती इंफ्राटेल एक संभावित बायर के तौर पर सामने आ सकती है। भारती इंफ्राटेल देश की दूसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल की लिस्टेड टावर यूनिट है। 
बीएनपी पारिबा ने बताया, यह भारती इंफ्राटेल के लिए अच्छा है क्योंकि वोडाफोन आइडिया के लॉन्ग-टर्म के लिए बिजनेस में रहने के इरादे से मार्केट के दो कंपनियों के बीच सिमट जाने का जोखिम कम होगा। 
एनालिसिस मैसन के पार्टनर और हेड (इंडिया एंड मिडल ईस्ट) रोहन धमीजा ने वोडाफोन आइडिया के फाइबर नेटवर्क की वैल्यू लगभग 3,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान जताया। हालांकि, इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि यह वैल्यू इससे अधिक हो सकती है। वोडाफोन आइडिया के पास 1,56,000 किलोमीटर का फाइबर नेटवर्क है।
इस सेक्टर के जानकारों का कहना है कि डेटा सर्विसेज की डिमांड बढऩे से भारती इंफ्राटेल के लिए वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल के फाइबर एसेट्स खरीदना फायदेमंद हो सकता है। 
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच के डायरेक्टर (कॉरपोरेट्स) नितिन सोनी ने कहा, फाइबराइज्ड टावर नेटवर्क से 4 जी डेटा नेटवर्क में अच्छी बढ़ोतरी होती है और देश के 5 जी नेटवर्क लॉन्च करने की तैयारी के साथ यह बहुत जरूरी है। 
भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स अपने मर्जर को अगले वर्ष मार्च तक पूरा करने की उम्मीद कर रही हैं। इससे ऐसी संयुक्त टावर कंपनी बनेगी जिसका कंट्रोल एयरटेल और वोडाफोन के पास होगा और दोनों कंपनियों की इसके बोर्ड में समान हिस्सेदारी रहेगी। 
एनालिस्ट्स ने कहा कि एयरटेल एक अलग फाइबर कंपनी में भी हिस्सेदारी बेचेगी और उससे मिलने वाले फंड का इस्तेमाल अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने में करेगी।