आज के मुख्य समाचार

आग की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत
Posted Date : 26-Dec-2018 12:09:46 pm

आग की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत

वॉशिंगटन ,26 दिसंबर । अमेरिकी राज्य टेक्सास के ह्यूस्टन में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर और क्रिसमस वाले दिन दो अलग-अलग घटनाओं में आग की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। 
ह्यूस्टन फायर डिपार्टमेंट ने मंगलवार को बताया कि क्रिसमस की सुबह घर में आग लगने से 83 वर्षीया महिला की मौत हो गई, जबकि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अपार्टमेंट में आग लगने से एक लडक़े की मौत हो गई और दर्जनों परिवार बेघर हो गए।
आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। बच्चे की आयु की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन घटनास्थल पर मौजूद परिजनों ने बच्चे की आयु 10 वर्ष बताई है। दमकल विभाग ने कहा कि इस घटना में बच्चे के पिता और एक दमकल विभाग के अधिकारी समेत तीन लोग घायल हुए हैं।

सीरियाई वायु सेना ने दमिश्क पर दागे मिसाइल
Posted Date : 26-Dec-2018 12:09:12 pm

सीरियाई वायु सेना ने दमिश्क पर दागे मिसाइल

बेरुत,26 दिसंबर । सीरिया की वायु सेना ने दमिश्क के उपनगरीय इलाके में कई मिसाइल हमले किए।
इखबारिया समाचार चैनल में मंगलवार को प्रसारित एक खबर के मुताबिक, सीरिया की वायु सेना ने दमिश्क के उपनगरीय इलाके में कई मिसाइल हमले किया।

पेरिस जलवायु समझौते से रूस के औद्योगिक विकास पर खतरा नहीं: पुतिन
Posted Date : 26-Dec-2018 12:08:39 pm

पेरिस जलवायु समझौते से रूस के औद्योगिक विकास पर खतरा नहीं: पुतिन

मास्को ,26 दिसंबर । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौता 2015 के लागू होने से देश के औद्योगिक विकास पर कोई खतरा नहीं है। 
एक रूसी पार्टी के नेता सर्गेय मिरोनोव ने पुतिन को देश के औद्योगिक विकास पर पेरिस जलवायु समझौते के लागू होने से तथाकथिक नकारात्मक प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए एक पत्र सौंपा। 
मिरोनोव के मुताबिक, समझौता रूस को ऐसी स्थिति में ले जा सकता है जहां उसे गैस और तेल उत्पादन को कम करना होगा। पुतिन ने कहा कि मेरा मानना है कि इस मामले में जलवायु सिद्धांत और पेरिस समझौते को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा मानना है कि हमें वास्तविकता में औद्योगिक विकास पर इस तरह का कोई खतरा नहीं है, अगर कोई खतरा है तो उसे रोकने के लिए इस मुद्दे की निगरानी करेंगे।

अमेरिका ने की लीबियाई विदेश मंत्रालय पर हमले की निंदा
Posted Date : 26-Dec-2018 12:08:01 pm

अमेरिका ने की लीबियाई विदेश मंत्रालय पर हमले की निंदा

वाशिंगटन ,26 दिसंबर । अमेरिका ने लीबिया के त्रिपोली स्थित विदेश मंत्रालय पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। मंत्रालय की इमारत पर मंगलवार को हुए इस हमले में तीन लोग मारे गये थे और 21 अन्य घायल हो गये थे। 
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पल्लाडिनो ने ट्वीट किया, अमेरिका त्रिपोली में लीबिया के विदेश मंत्रालय पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता है। हम मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और समृद्ध, स्थिर एवं सुरक्षित लीबिया बनाने के लिए उनके प्रयासों में हम लीबिया के साथ हैं। एक चश्मदीद ने स्पूतनिक को बताया कि सात हमलावरों ने विदेश मंत्रालय पर हमला किया था। हमलावरों ने पहले मंत्रालय की इमारत के पास खड़ी तीन कारों को आग के हवाले कर दिया और इमारत के भीतर घुसने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी करने लगे। इसके बाद दो आत्मघाती हमलावरों ने मंत्रालय के पास ही विस्फोट करके खुद को उड़ा लिया। इस हमले में कम से कम दो आतंकवादी भी मारे गये। 

बस हाइजैक कर राहगीरों को रौंदा, 5 लोगों की मौत
Posted Date : 26-Dec-2018 12:07:25 pm

बस हाइजैक कर राहगीरों को रौंदा, 5 लोगों की मौत

पेइचिंग ,25 दिसंबर । चीन के फुजियान प्रांत में एक व्यक्ति ने बस को हाइजैक कर राहगीरों को रौंद दिया। इस घटना में मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई और 21 लोग घायल हो गए। हमलावर ने बस ड्राइवर पर हमला कर दिया था और बस राहगीरों पर जा चढ़ी।
घटना फुजियान प्रांत के लॉन्गयान में हुई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ड्राइवर पर चाकू से हमलाकर बस को हाइजैक कर लिया गया था। हाइजैक होने के बाद बस बेकाबू हो गई और इसने राहगीरों को कुचल दिया। इस संबंध में एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है जिसके हाथ में चाकू था। हालांकि, हमलावर की पहचान नहीं हो पाई है। ऑनलाइन शेयर की गई तस्वीरों में घायल सडक़ों पर गिरे हुए हैं, वहीं विडियो में संदिग्ध हिरासत में लेता हुआ दिखाई दे रहा है। हमले के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है। 
चीन में हाल के दिनों ऐसी कुछ और घटनाएं हुई हैं, जिसकी वजह लोगों का असंतोष रहा है। पिछले दिनों कुछ हमलावरों ने कई शहरों के नर्सरी स्कूलों में चाकू से हमले किए हैं।

पूर्व पीएम नवाज शरीफ को लाहौर में कोट लखपत जेल भेजा गया
Posted Date : 26-Dec-2018 12:06:42 pm

पूर्व पीएम नवाज शरीफ को लाहौर में कोट लखपत जेल भेजा गया

लाहौर ,25 दिसंबर  । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मंगलवार लाहौर की कोट लखपत जेल भेज दिया गया। एक दिन पहले ही देश की भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने उन्हें बहुचर्चित पनामा पेपर्स कांड से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में सात साल जेल की सजा सुनायी थी। अदालत ने सोमवार को 69 वर्षीय शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी जबकि ‘फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट्स’ भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया था। इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत ने ‘फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट्स’ भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई शुरू की थी। फैसले के बाद अदालत में ही शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया और रावलपिंडी की अडियाला जेल भेज दिया गया। अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें लाहौर में कोट लखपत जेल स्थानांतरित कर दिया। शरीफ ने अपनी अर्जी में अदालत से अनुरोध किया था कि वह कोट लखपत जेल में अपनी सजा पूरी करना चाहते हैं क्योंकि उनके परिजन और उनके निजी डॉक्टर लाहौर में ही रहते हैं। अपने नेता की एक झलक पाने के लिये पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के समर्थक बड़ी संख्या में जेल के बाहर जमा हो गये। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण उन्हें जेल के करीब नहीं जाने दिया गया। पुलिस ने जेल पहुंचने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया। जेल प्रशासन के अनुसार शरीफ को ‘‘ऊंचे दर्जे’’ वाली सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ऊंचे दर्जे के कैदियों को बिस्तर, पढऩे के लिये मेज, दो कुर्सियां, एक टीवी सेट और अखबार दिया जाता है।’’ शरीफ को उस बैरक में भेजा गया है जहां 1990 के दशक में भ्रष्टाचार के मामले में सजायाफ्ता पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को रखा गया था। कोट लखपत जेल पहुंचने पर डॉक्टरों ने शरीफ की जांच की और उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ पाया। सोमवार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए शरीफ ने कहा कि उनकी सोच स्पष्ट है क्योंकि वह कभी भ्रष्टाचार के किसी मामले में शामिल नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी भी अधिकार के दुरुपयोग या भ्रष्टाचार में शामिल नहीं रहा हूं।’’ शरीफ के वकीलों ने कहा कि जवाबदेही अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जायेगी।