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जनवरी-मार्च तिमाही में विप्रो का मुनाफा आठ फीसदी घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा
Posted Date : 20-Apr-2024 12:31:34 pm

जनवरी-मार्च तिमाही में विप्रो का मुनाफा आठ फीसदी घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा

बेंगलुरु  । वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में आईटी सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो का शुद्ध मुनाफा 7.80 प्रतिशत घटकर 2,834.6 करोड़ रुपये रह गया। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में कंपनी को 3,074.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि गत 31 मार्च को समाप्त तिमाही में कंपनी का राजस्व 4.18 प्रतिशत गिरकर 22,208.3 करोड़ रुपये हो गया। बेंगलुरु स्थित कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 23,190.3 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व दर्ज किया था।
कंपनी का आईटी सेवा क्षेत्र का राजस्व 265.74 करोड़ डॉलर रहा, जो क्रमिक रूप से 0.1 प्रतिशत की वृद्धि और एक साल पहले की तुलना में 6.4 प्रतिशत की कमी है।
शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि स्वैच्छिक नौकरी छोडऩे की दर 14.2 प्रतिशत थी। चौथी तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 6,180 और पूरे साल के दौरान 24,516 की कमी आई।
कंपनी ने अनुमान लगाया है कि 30 जून को समाप्त होने वाली तिमाही में स्थिर मुद्रा के संदर्भ में 1.5 प्रतिशत की से 0.5 प्रतिशत की बढ़त तक हो सकती है।
विप्रो के सीईओ श्रीनि पल्लिया ने कहा कि 2023-24 आईटी उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष साबित हुआ और व्यापक आर्थिक माहौल अनिश्चित बना हुआ है, हालांकि, मैं आगे आने वाले अवसरों को लेकर आशावादी हूं।
पल्लिया ने कहा कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अपने ग्राहकों की जरूरतों को बदलने के साथ एक प्रमुख तकनीकी बदलाव की राह पर है क्योंकि वे प्रतिस्पर्धी लाभ और उन्नत व्यावसायिक मूल्य के लिए इसकी शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं।
पल्लिया ने कहा, हमारे पास हमारे लक्ष्यों को साकार करने में मदद करने के लिए दुनिया भर में 2,30,000 से अधिक विप्रोइट्स की क्षमताएं, नेतृत्व और ताकत है। हालांकि हमें काफी काम करना है, मुझे विश्वास है कि अपने सामूहिक प्रयास के साथ मिलकर हम विकास के अगले अध्याय का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
पल्लिया ने इसी महीने कंपनी की बागडोर संभाली है। उनके पूर्ववर्ती थिएरी डेलापोर्टे ने अचानक सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसी खबरें आ रही थीं कि विप्रो के प्रवर्तक उनके प्रदर्शन से खुश नहीं थे।

 

एफआईआई ने तीन दिन में 15,763 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
Posted Date : 20-Apr-2024 12:43:40 am

एफआईआई ने तीन दिन में 15,763 करोड़ रुपये के शेयर बेचे

नई दिल्ली  । दोपहर बाद के कारोबार में बिकवाली के दबाव के कारण गुरुवार को निफ्टी में लगातार चौथे दिन गिरावट देखी गई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले तीन दिन में 15,763 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की है। सकारात्मक शुरुआत के बाद निफ्टी में दिन के दूसरे हिस्से में बिकवाली का दबाव देखा गया और यह 152.05 अंकों की गिरावट के साथ 21,995.85 अंक पर बंद हुआ।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि आईटी, धातु और पीएसयू बैंकों को छोडक़र, मिड-कैप और स्मॉल-कैप सहित सभी क्षेत्र लाल निशान में समाप्त हुए। भारतीय अर्थव्यवस्था पर आईएमएफ के अच्छे रुख के चलते सत्र की शुरुआत में बाजार को कुछ राहत मिली। हालांकि, अस्थिरता के बीच यह उच्च स्तर पर टिकने में विफल रहा और लगातार चौथे दिन इसमें गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि अनिश्चित वैश्विक माहौल के कारण पिछले तीन दिन में एफआईआई ने 15,763 करोड़ रुपये की जोरदार बिकवाली की जिससे निवेश धारणा कमजोर हुई। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर, हमें उम्मीद है कि किसी बड़े सकारात्मक ट्रिगर के अभाव में बाजार में अस्थिरता जारी रहेगी।
असित सी. मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के एवीपी (टेक्निकल एंड डेरिवेटिव्स रिसर्च) हृषिकेश येदवे ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण भारी अस्थिरता के साथ निफ्टी में गिरावट रही। तकनीकी दृष्टिकोण से, यदि सूचकांक 22,000 अंक के स्तर से ऊपर बना रहता है, तो 22,300-22,500 अंक की ओर जा सकता है। इसके विपरीत, 21,950 अंक के स्तर से नीचे बने रहने से 21,800-21,700 अंक तक टूट सकता है।

 

हिंदुस्तान जिंक बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चांदी उत्पादक
Posted Date : 20-Apr-2024 12:39:32 am

हिंदुस्तान जिंक बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चांदी उत्पादक

नई दिल्ली  । हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने गुरुवार को घोषणा की कि अमेरिका के सिल्वर इंस्टीट्यूट द्वारा जारी वर्ल्ड सिल्वर सर्वे 2024 रिपोर्ट के अनुसार, वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक कंपनी बन गई है। कंपनी ने एक बयान में कहा, कंपनी का सिंदेसर खुर्द खदान जो पिछले साल के चौथे स्थान से अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चांदी उत्पादक खदान बन गया है।
हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा, वैश्विक ऊर्जा पारेषण में चांदी की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारा रिकॉर्ड 74.6 करोड़ टन उत्पादन आत्मनिर्भर भारत का पथ प्रशस्त करता है। हिंदुस्तान जिंक के उत्पादन में साल-दर-साल आधार पर पांच प्रतिशत की वृद्धि के पीछे मुख्य कारण अयस्क का उत्पादन बढऩा और ग्रेड का बेहतर होना है।

 

नेस्ले भारत में बेचे जाने वाले शिशु आहार में मिलाती है अधिक चीनी : आईबीएफएएन की जांच में बड़ा खुलासा
Posted Date : 20-Apr-2024 12:38:24 am

नेस्ले भारत में बेचे जाने वाले शिशु आहार में मिलाती है अधिक चीनी : आईबीएफएएन की जांच में बड़ा खुलासा

नई दिल्ली / स्विस संगठन पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) की एक जांच में दिग्गज नेस्ले के प्रोडक्ट (उत्पादों) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। भारत में नेस्ले द्वारा बेचे जाने वाले बेबी-फूड ब्रांडों में अधिक मात्रा में चीनी होती है, जबकि यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और अन्य विकसित देशों में ऐसे प्रोडक्ट चीनी-मुक्त हैं।
अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत में, सभी सेरेलैक बेबी (शिशु) प्रोडक्ट्स में प्रति सर्विंग औसतन लगभग 3 ग्राम चीनी होती है। यही प्रोडक्ट जर्मनी और ब्रिटेन में बिना चीनी के बेचा जा रहा है, जबकि इथियोपिया और थाईलैंड में इसमें लगभग 6 ग्राम चीनी होती है।
रिपोर्ट के अनुसार, नेस्ले कई देशों में बेबी के दूध और अनाज प्रोडक्ट्स में चीनी मिलाती है, जो मोटापे और पुरानी बीमारियों को रोकने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। कंपनी द्वारा उल्लंघन सिर्फ एशियाई, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में पाए गए।
हालांकि, नेस्ले इंडिया लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने कहा, कंपनी ने पिछले पांच वर्षों में अपने बेबी अनाज पोर्टफोलियो में अतिरिक्त शर्करा (चीनी) की कुल मात्रा में 30 प्रतिशत की कमी की है। इसे और कम करने के लिए उत्पादों की समीक्षा और पुनर्निर्माण जारी रखा है। हम चाइल्डहुड के लिए अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता में विश्वास करते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री के उपयोग को प्राथमिकता देते हैं।
ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने बुधवार को खबर दी कि स्विस फूड दिग्गज ‘गरीब देशों’ में बेचे जाने वाले शिशु के दूध और अनाज उत्पादों में चीनी और शहद मिलाते हैं। इसमें पब्लिक आई और आईबीएफएएन के डेटा का हवाला दिया गया, जिसमें इन बाजारों में बेचे जाने वाले नेस्ले बेबी फूड ब्रांडों की जांच की गई। पब्लिक आई ने नेस्ले के अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के मुख्य बाजारों में दो प्रमुख ब्रांडों सेरेलैक और नोडी में बेचे गए 115 उत्पादों की जांच की।
भारत में पब्लिक आई द्वारा जांचे गए सभी सेरेलैक शिशु अनाज उत्पादों में औसतन लगभग 3 ग्राम प्रति सर्विंग अतिरिक्त चीनी पाई गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांचे गए लगभग सभी सेरेलैक शिशु अनाजों में प्रति सर्विंग लगभग 4 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है, जो औसतन लगभग एक चीनी क्यूब के बराबर होती है, हालांकि इन्हें छह महीने की उम्र के बच्चों पर लक्षित किया जाता है। फिलीपींस में बेचे जाने वाले उत्पाद में प्रति सर्विंग 7.3 ग्राम की उच्चतम मात्रा पाई गई। मीडिया रिपोर्टों में डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ निगेल रॉलिन्स के हवाले से कहा गया है कि यह एक दोहरा मापदंड है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

 

आईएमएफ को उम्मीद, भारत बनेगा वैश्विक विकास का इंजन
Posted Date : 18-Apr-2024 8:09:17 pm

आईएमएफ को उम्मीद, भारत बनेगा वैश्विक विकास का इंजन

नई दिल्ली  । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं भारत को भविष्य में वैश्विक आर्थिक विकास के संभावित इंजन के रूप में देखती हैं, क्योंकि देश सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था बन गया है, जबकि चीन की जीडीपी वृद्धि दर 2024 में 4.6 प्रतिशत आंकी गई है जिसके 2025 में और धीमी होकर 4.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।
आईएमएफ की जारी विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट ने न केवल 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया, बल्कि देश को एक उम्मीद की किरण भी बताया है जो मध्यम अवधि में वैश्विक विकास का समर्थन करता है जिसका फायदा दूसरे देशों को भी होगा।
रियल एस्टेट क्षेत्र में गिरावट और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण चीन के पिछडऩे के साथ आईएमएफ की रिपोर्ट कहा गया है कि भारत और ब्राजील जैसे अन्य बड़े उभरते बाजार वाले जी20 देश वैश्विक व्यापार प्रणाली में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे और वैश्विक विकास को आगे बढ़ाएंगे।
आईएमएफ की रिपोर्ट भारत की आर्थिक नीति पर भी मुहर लगाती है क्योंकि यह मजबूत विकास दर का श्रेय मजबूत घरेलू मांग को देती है, जो ग्रामीण मांग के पटरी पर लौटने के साथ राजमार्गों, रेलवे, बंदरगाहों और बिजली संयंत्रों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकारी खर्च में भारी वृद्धि के कारण बनी है।
कृषि के लिए बढ़े हुए आवंटन, मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष कार्यक्रमों ने ग्रामीण मांग को बढ़ाने और औद्योगिक उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार बनाने में मदद की है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान 90,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं, जो कि उससे पहले के 10 साल की तुलना में लगभग दोगुना है। राजमार्ग बुनियादी ढांचे में सरकारी निवेश 2013-14 में 51,000 करोड़ रुपये से चार गुना से अधिक बढक़र 2022-23 में 2.4 लाख करोड़ रुपये हो गया।
मंगलवार को जारी नवीनतम अंकटाड रिपोर्ट में 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2.6 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है, जो आमतौर पर मंदी के दौर से जुड़ी 2.5 प्रतिशत की सीमा से बमुश्किल ऊपर है। हालांकि, निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच, इसमें कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत सार्वजनिक निवेश और सेवा क्षेत्र की वृद्धि से उत्साहित है, जिसमें 2024 में 6.5 प्रतिशत का विस्तार होने का अनुमान है।

 

इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल 28 कर्मचारियों को झटका, गूगल ने नौकरी से निकाला
Posted Date : 18-Apr-2024 8:08:44 pm

इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल 28 कर्मचारियों को झटका, गूगल ने नौकरी से निकाला

नई दिल्ली  । गूगल ने अपने उन सभी 28 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, जो कंपनी द्वारा इजराइल के साथ किए गए एक कॉन्ट्रेक्ट के विरोध में दफ्तर परिसर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। गूगल ने अपने कर्मचारियों को ऐसे वक्त में नौकरी से निकाला है, जब हाल ही में 9 कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। इसके अलावा यूएस में कंपनी के एक कर्मचारी को गिरफ्तार भी किया गया था।
गूगल ने जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, उन्होंने हाल ही में कंपनी द्वारा इजराइल से किए गए 1.2 बिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट का विरोध किया था। कंपनी ने आंतरिक ज्ञापन जारी कर कहा कि कंपनी में इस तरह का व्यवहार करने वाले कर्मचारियों के लिए कोई जगह नहीं है। हम इस तरह के व्यवहार को कभी-भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। अगर कोई ऐसा करेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गूगल ने स्टाफ से कहा, हमारी कंपनी में ज्यादा कर्मचारी अच्छा काम करते हैं। अब अगर आपको ऐसा लगता है कि हम इस तरह की हरकतों को नजरअंदाज करेंगे, तो हमारा आपको सुझाव है कि आप एक बार फिर से सोचें। कंपनी इसे बेहद गंभीरता से लेती है और हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अपनी दीर्घकालिक नीतियों को लागू करना जारी रखेंगे।
नो टेक फॉर अपारथाइड नामक समूह ने कहा, गूगल कर्मचारियों को हमारे श्रम के नियमों और शर्तों के बारे में शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है। नौकरी से निकालना बदले की कार्रवाई है। कंपनी ने बताया कि इसने जांच के बाद ऐसी शरारतपूर्ण गतिविधियों में संलिप्त 28 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। अगर जरूरत पड़ी तो कंपनी और भी कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी।