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ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने इस्तीफा दिया, कंपनी नौकरियों में 10 फीसदी कटौती की बना रही योजना
Posted Date : 30-Apr-2024 10:51:00 pm

ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने इस्तीफा दिया, कंपनी नौकरियों में 10 फीसदी कटौती की बना रही योजना

नई दिल्ली। राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने पद संभालने के चार महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी सूत्रों ने दी।
कंपनी को एक पुनर्गठन प्रक्रिया से गुजरने की भी उम्मीद है जो कम से कम 10 प्रतिशत कार्यबल को प्रभावित करेगी।
जनवरी में ओला की मूल कंपनी, एएनआई टेक्नोलॉजीज ने यूनिलीवर के पूर्व कार्यकारी बख्शी को कंपनी के दिन-प्रतिदिन के संचालन की देखभाल के लिए नया सीईओ नियुक्त किया।
सूत्रों के मुताबिक, नए सीईओ की नियुक्ति होने तक कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल कार्यभार संभालेंगे।
यह विकास ओला कैब्स द्वारा आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए निवेश बैंकों के साथ प्रारंभिक चर्चा शुरू करने के कुछ ही हफ्तों बाद आया है। इस महीने की शुरुआत में ओला ने घोषणा की थी कि वह बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अपने सभी मौजूदा वैश्विक बाजारों को बंद कर रही है।
इसमें कहा गया है कि वह भारतीय बाजार पर ध्यान केंद्रित करेगी, क्योंकि उसे देश में विस्तार का अपार अवसर दिख रहा है।
पिछले साल ओला ने पुनर्गठन अभ्यास के हिस्से के रूप में अपने ओला कैब्स, ओला इलेक्ट्रिक और ओला फाइनेंशियल सर्विसेज वर्टिकल से लगभग 200 कर्मचारियों को निकाल दिया था।

 

सरकार ने छह देशों के लिए दी 99,150 टन प्याज निर्यात की अनुमति
Posted Date : 29-Apr-2024 8:24:52 pm

सरकार ने छह देशों के लिए दी 99,150 टन प्याज निर्यात की अनुमति

नई दिल्ली  । सरकार ने छह देशों - बांगलादेश, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), भूटान, बहरीन, मॉरिशस और श्रीलंका - को 99,150 टन प्याज का निर्यात करने की अनुमति दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। 2023-24 में खरीफ और रबी दोनों फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम होने का अनुमान है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ गई है।
खाद्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इन देशों में प्याज का निर्यात करने वाली एजेंसी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने एल1 कीमतों पर ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से निर्यात किए जाने वाले घरेलू प्याज की खरीद की है और गंतव्य देश की सरकार द्वारा नामित एजेंसियों को बातचीत में तय दर पर 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के आधार पर आपूर्ति की है।
खरीदारों के लिए एनसीईएल की पेशकश दर गंतव्य बाजार और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू बाजारों में प्रचलित कीमतों को ध्यान में रख कर तय किया गया है। छह देशों को निर्यात के लिए आवंटित कोटा की मांग के अनुसार आपूर्ति की जा रही है।
एनसीईएल द्वारा निर्यात के लिए प्राप्त प्याज का प्रमुख आपूर्तिकर्ता महाराष्ट्र है, जहां देश में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन होता है।
सरकार ने विशेष रूप से पश्चिम एशिया और कुछ यूरोपीय देशों के निर्यात बाजारों के लिए उगाए गए दो हजार टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी थी।
विशुद्ध रूप से निर्यात-उन्मुख होने के कारण, उच्च बीज लागत, अच्छी कृषि पद्धति (जीएपी) को अपनाने और सख्त अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) आवश्यकताओं के अनुपालन के कारण सफेद प्याज की उत्पादन लागत अन्य प्याज की तुलना में अधिक है।
उपभोक्ता मामले विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत रबी-2024 में से प्याज की बफर खरीद का लक्ष्य इस साल पांच लाख टन तय किया गया है।

 

एमडीएच और एवरेस्ट की मुश्किलें और बढ़ीं, अमेरिका ने 31प्रतिशत फीसदी मसाले लौटाए
Posted Date : 29-Apr-2024 8:24:27 pm

एमडीएच और एवरेस्ट की मुश्किलें और बढ़ीं, अमेरिका ने 31प्रतिशत फीसदी मसाले लौटाए

नई दिल्ली  । भारतीय मसाला निर्माताओं एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों पर लगातार चिंताएं जताई जा रही हैं। इस बीच इन चिंताओं के कारण साल्मोनेला संदूषण के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में रूष्ठ॥ प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्यात किए गए मसाले से संबंधित शिपमेंट के लिए इनकार दरों में वृद्धि दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार, पिछले छह महीनों में, अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों ने रूष्ठ॥ के 31प्रतिशत मसाला शिपमेंट को अस्वीकार कर दिया, जबकि पिछले साल यह 15प्रतिशत था। साल्मोनेला संदूषण पर इनकार की दर में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब सिंगापुर और हांगकांग दोनों ने मसाला मिश्रणों में कथित कार्सिनोजेनिक कीटनाशक पाए जाने पर एमडीएच और एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की कुछ वस्तुओं की बिक्री निलंबित कर दी थी।
एक रिपोर्ट के मताबिक अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (स्नष्ठ्र) रूष्ठ॥ और एवरेस्ट उत्पादों पर जानकारी इक_ा कर रहा है। स्नष्ठ्र के एक प्रवक्ता ने बताया, स्नष्ठ्र रिपोर्टों से अवगत है और स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी इक_ा कर रहा है। हांगकांग और सिंगापुर के कदमों के बाद भारत में दो सबसे लोकप्रिय मसाला ब्रांड भी गुणवत्ता मानकों के लिए भारतीय नियामक की जांच के दायरे में हैं।
भारत में उद्योग नियामक, मसाला बोर्ड ने मसाला निर्माताओं रूष्ठ॥ और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशकों की रिपोर्ट सामने आने के बाद गुणवत्ता मानकों के अनुपालन के लिए उनकी सुविधाओं का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। बोर्ड ने बुधवार को कहा कि उसने हांगकांग और सिंगापुर में संबंधित अधिकारियों से एमडीएच और एवरेस्ट निर्यात पर डेटा मांगा था और इस मुद्दे का मूल कारण खोजने के लिए कंपनियों के साथ काम कर रहा था।

 

हेल्दीफाई ने 27 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
Posted Date : 29-Apr-2024 8:24:10 pm

हेल्दीफाई ने 27 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

नई दिल्ली  । घरेलू हेल्थटेक स्टार्टअप हेल्दीफाई (पूर्व में हेल्दीफाईमी) ने पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत अपने 27 प्रतिशत कार्यबल या लगभग 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
इंक42 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में हुई नौकरी में कटौती से बिक्री और उत्पाद टीमों के कर्मचारी सबसे अधिक प्रभावित हुए।
रिपोर्ट में हेल्दीफाई के सह -संस्थापक और सीईओ तुषार वशिष्ठ के हवाले से कहा गया है, अगले तीन-चार महीनों में, हमारा भारतीय व्यवसाय कर-पूर्व लाभ की स्थिति में होगा। यह पुनर्गठन इसे प्राप्त करने की दिशा में एक दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास वैश्विक विस्तार के लिए पर्याप्त संसाधन आवंटन हो।
इसके अलावा, स्टार्टअप ने कहा कि वह प्रभावित कर्मचारियों को इस संक्रमण के दौरान मजबूत समर्थन प्रदान करेगा, जिसमें व्यापक विलगाव पैकेज, विस्तारित बीमा कवरेज और जॉब प्लेसमेंट सहायता शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित श्रमिकों को दो महीने का वेतन, विस्तारित बीमा कवरेज, और छुट्टियों के बदले नकद भुगतान की पेशकश की गई है।
हेल्थटेक स्टार्टअप ने 2021 में एसएमई (विषय वस्तु विशेषज्ञ), गुणवत्ता विश्लेषण, उत्पाद और विपणन सहित विभिन्न टीमों से लगभग 150 कर्मचारियों को निकाला था।
2012 में स्थापित, हेल्दीफाई का स्वास्थ्य और फिटनेस ऐप आहार की आदतों, फिटनेस और वजन को ट्रैक करने के साथ-साथ कोचिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करता है।

 

अब रेल यात्रा दौरान बच्चे की हाफ टिकट पर नहीं मिलेगा वैकल्पिक बीमा का लाभ, आईआरसीटीसी ने नियमों में किया बदलाव
Posted Date : 28-Apr-2024 9:04:52 pm

अब रेल यात्रा दौरान बच्चे की हाफ टिकट पर नहीं मिलेगा वैकल्पिक बीमा का लाभ, आईआरसीटीसी ने नियमों में किया बदलाव

नई दिल्ली । रेलवे ने यात्रा टिकट पर वैकल्पिक बीमा के नियमों में बदलाव कर दिया है। नए नियमों को मुताबिक अब बच्चे का हाफ टिकट लेने पर वैकल्पिक बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। आईआरसीटीसी के मुताबिक अब फुल टिकट बुक कराने पर ही यात्रियों को बीमा सुविधा का लाभ मिल सकेगा। वहीं आईआरसीटीसी ने वैकल्पिक बीमा का प्रीमियम भी बढ़ा दिया है। प्रति यात्री प्रीमियम अब 45 पैसा कर दिया गया है। पहले यह 35 पैसा था।
आईआरसीटीसी के मुताबिक वैकल्पिक बीमा योजना का लाभ केवल ई-टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को ही मिल सकेगा। रेल टिकट काउंटर से खरीदे गए टिकट पर बीमा योजना नहीं लागू होगा। ऑनलाइन या ई-टिकट लेने पर ट्रेन के सभी क्लास- फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर, चेयरकार आदि के कंफर्म और आरएसी टिकट पर यह सुविधा मिलेगी। वहीं वेटिंग टिकट वाले यात्री इस बीमा योजना के पात्र नहीं होंगे।
दरअसल, ऑनलाइन टिकट बुक कराते समय यह विकल्प चुनना होता है कि वे बीमा सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं या नहीं। अगर यात्री बीमा सुविधा का लाभ लेना चाहता है तो उसे उस ऑप्शन पर क्लिक करना होता है। फिर बीमा कंपनी की ओर से रेल यात्री के मोबाइल और ई-मेल पर मैसेज आता है। अगर यात्रा के दौरान ट्रेन का रूट बदल दिया जाता है तब भी यात्री को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
बता दें कि इस बीमा योजना के तहत रेल यात्री की मौत होने पर 10 लाख रुपये, आंशिक विकलांग होने पर 7.5 लाख और घायल होने पर इलाज के लिए परिजनों को दो लाख रुपए दिए जाते है। रेल यात्री वैकल्पिक बीमा योजना की शुरुआत भारतीय रेलवे ने सितंबर 2016 में की थी। उस वक्त प्रति यात्री बीमा का प्रीमियम 92 पैसा था जो सरकार खुद देती थी। इसके बाद अगस्त में इसे 42 पैसा कर दिया गया और इसका बोझ यात्रियों पर डाल दिया गया था। बाद में इसे घटाकर 35 पैसा कर दिया गया था।

 

डाटा सेंटर बिजऩेस के लिए अदाणीकॉनेक्स ने जुटाए 1.44 बिलियन डॉलर
Posted Date : 28-Apr-2024 9:04:38 pm

डाटा सेंटर बिजऩेस के लिए अदाणीकॉनेक्स ने जुटाए 1.44 बिलियन डॉलर

अहमदाबाद । भारत में डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के लिए, अदाणी एंटरप्राइजेज और एजकॉनेक्स के बीच एक संयुक्त उद्यम अदाणीकॉनेक्स ने रविवार को कहा कि उसने 1.44 अरब डॉलर जुटाने के लिए देश की सबसे बड़ी सस्टेनेबिलिटी लिंक्ड फाइनेंसिंग स्थापित की है।
इस ट्रांजैक्शन ने अदाणीकॉनेक्स के निर्माण वित्तपोषण पूल को 1.65 बिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले पिछले साल जून में 213 मिलियन डॉलर की पहली निर्माण सुविधा बनाई गई थी।
अदाणीकॉनेक्स के सीईओ जयकुमार जनकराज ने कहा, यह सफल अभ्यास टिकाऊ और मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे की स्थापना की चुनौतियों का सामना करने, मानदंडों को आगे बढ़ाने और नए उद्योग मानक स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों के सामूहिक संकल्प का एक प्रमाण है।
तैयार होने वाली डेटा सेंटर सुविधाएं परिचालन दक्षता को अनुकूलित करते हुए इकोलॉजी फुटप्रिंट को कम करने के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों का इस्तेमाल करेंगी।
नए वित्तपोषण की शुरूआती प्रतिबद्धता 875 मिलियन डॉलर है, जिसे 1.44 बिलियन डॉलर तक बढ़ाया जा रहा है।
जनकराज ने कहा, निर्माण वित्तपोषण अदाणीकॉनेक्स पूंजी प्रबंधन योजना का एक प्रमुख तत्व है, जो हमें टिकाऊ और पर्यावरणीय प्रबंधन में मजबूती से डेटा सेंटर समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
कंपनी के अनुसार, डेटा सेंटर सुविधा की एक प्रमुख विशेषता परियोजनाओं की रणनीति के अनुरूप सिंडिकेटेड गारंटी-समर्थित आश्वासन कार्यक्रम है जो अपनी तरह का अनोखा है।
कंपनी ने बताया कि आठ अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं – आईएनजी बैंक एन.वी., इंटेसा सैनपोलो, केएफडब्ल्यू आईपीईएक्स, एमयूएफजी बैंक लिमिटेड, नेटिक्सिस, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, सोसाइटी जेनरल और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन के साथ समझौते किए गए हैं।
अदाणीकॉनेक्स का लक्ष्य सबसे बड़े निजी डेटा सेंटर ऑपरेटरों में से एक, अदाणी ग्रुप और एज कॉनेक्स की क्षमता का लाभ उठाकर 1 गीगावाट डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म का निर्माण करना है जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद हो।